Saturday, 22 February 2014

World Sports Mandi

विश्वविख्यात पैराग्लाइडिंग स्थल है ‘बिलिंग घाटी’

प्रदेश की लघु काशी से विख्यात देवभूमि मंडी से 56 किलोमीटर दूर जिला मंडी व कांगड़ा घाटी का प्रवेश द्वार जोगिंद्रनगर, जिसे कभी सकरोटी नाम से संबोधित
किया जाता था, का नाम बाद में राजा जोगिंद्र सेन के नाम से ‘जोगिंद्रनगर’ पड़ा।  यहां से 10 किलोमीटर दूर पठानकोट राष्ट्रीय उच्च मार्ग-22 पर बीड़ नामक स्थान से 18 किलोमीटर का सफर संपर्क सड़क द्वारा घने जंगल से टैक्सी सूमो व जीप से तय करने के पश्चात समुद्रतल से 8500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है—विश्व विख्यात पैराग्लाइडिंग स्थल बिल्लिंग घाटी जो पूरे विश्व में अपनी  पहचान बना चुकी है।  इस घाटी को अनूठी भौगोलिक परिस्थितयां व जलवायु के कारण विश्व में एकमात्र स्थान है, जहां पर हैंग ग्लाइडिंग व पैराग्लाइडिंग के साहसिक खेलों के उत्कृष्ट करतब किए जाते हैं, को ग्लाइडिंग व पैराग्लाइडिंग के पायलट सर्वोत्तम स्थल मानते हंै। ग्लाइडिंग के खेल की शुरुआत सर्वप्रथम फ्रांस में हुई थी। वर्ष 1984 से पूर्व बिलिंग घाटी वीरान थी। 1984 में जब यह घाटी हैंड व पैराग्लाइडिंग के रोमांचक साहसिक खेल के कारण विश्व के मानचित्र पर उभरी, तो खेल प्रेमियों का भारी सैलाब यहां पर उमड़ा था। यहां पर कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं हो चुकी हैं, जिनमें कई देशों के जांबाजों ने पैराग्लाइडिंग का लुत्फ उठाया तथा अपनी शानदार कलाबाजियों के जौहर दिखाए।  बिलिंग घाटी में पैराग्लाइडिंग की प्रतियोगिताएं 24 अक्तूबर से आरंभ हो चुकी हैं और 30 अक्तूबर तक चलेंगी, जिसमें सबसे अधिक 33 देशों के पैराग्लाइडर, जिनमें पुरुष ही नहीं, महिला पायलट भी उड़ान भर कर विभिन्न प्रकार की रंग-बिरंगी छतारियों से आकाश को रंगीन बना करके चिलचिलाती धूप में दूर-दूर तक फैला हिमाच्छादित पर्वत मालाओं के विहंगम दृश्यावलियों का भरपूर लुत्फ उठाएंगे।
— गोपाल राणा गांव हार, डाकघर भराड़ू, तहसील जोगिंद्रनगर, जिला मंडी

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