Sunday, 1 February 2015

आनी में कलाकेन्द्र

भाषण में राजकुमारी प्रथम कवितापाठ में पिंगला प्रथम
दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन
आनी नेहरू युवा केन्द्र एंव बिट शिक्षण संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय राष्ट्रपिता महात्मा गाधीं शहीदी समारोह मनाया गया। कार्यक्रम के संचालक एंव शिक्षण संस्थान के महाप्रबन्धक विनोद कुमार ने बताया कि शहीदी समारोह में शिक्षण संस्थान के छात्र छात्राओं ने कविापाठ,भाषण,एकलगीत,समूहगीत आदि प्रतियोगिता में भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्यातिथि युवा भारत के अध्यक्ष दीवानराजा शामिल हुए। दीवानराजा ने कार्यक्रम में शामिल सदसयों को समबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गाधीं एक नाम नंही है भारत की पहचान है पुरी दुनिया में भारत की अलग पहचान राष्ट्रपिता ने बनाई है बापू ने हमें सच्चाई पर चलने व देश के लिए जीना व मरना सिखाया है। इलिए हमसब को उनके दिखाये रास्ते पर चलना चाहिए। दीवानराजा ने बापू की प्रतिमा पर श्रद्वासुमन अर्पित किये और सन्देश एंव शपथ दिलाई कि हमसब भारतवासी अच्छाई के साथ चलेगें देश और समाज के लिए कार्य करते रहेगें। कार्यक्रम में भाषण प्रतियोगिता में राजकुमारी,दीपिका,प्रथम व द्वितीय स्थान हासिल किया जबकि कवितापाठ में कुमारी पिंगला ने प्रथम स्थान हासिल किया। कार्यक्रम में संस्थान की शिक्षिका कविता ठाकुर ने अपने विचार रखे इसके अलावा कार्यक्रम में नेहय युवा केन्द्र के संचालक टिकुं शर्मा,डिम्पल,बलदेव ठाकुर,कविता ठाकुर,,चमनलाल,दीवानराजा,सुरेन्द्र कुमार सहित शिक्षण संस्थान के सदस्य उपस्थित थे।
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आनी में कलाकेन्द्र निमाणर््ा करने करने की मंाग
संगीत कला मंच ने सरकार को भेजा पत्र
शिमला का गेयटी थिएटर कुल्लू का देवसदन देश प्रदेश की पहचान है इसी तरज पर आनी मुख्यालय में भी हिमाचल संस्कृति सदन का निमार्ण करने की मंाग बारे एक विशेष बैठक का आयेाजन किया गया।संगीत कला मंच के संचालक हुक्मचन्द ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के हर गांव क्षेत्र की पहाडी पंरपरा,संस्कृति की अपनी पहचान है और गांव के पहाडी कलाकार,गायक,शहनाई,ढोलकवादक,वासंुरी वादक,आदि वादय यन्त्रों से जुडे अनेको कलाकार मौजुद है परन्तु गांवस्तर के कलाकारोंको अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका नंही मिलता है। आऊटर सिराज क्षेत्र की बात करे तो निरमण्ड क्षेत्र देव संस्कृति के लिए पुरे प्रदेश में जाना जाता है यहां की प्राचीन परंपरा गीत ंसगीत मेले त्यौहार आज भी प्रसिद्व है झीरूमेला,बुढी दिवाली मेला,आनी मेला,रानीाकोट मेला आदि प्रसिद्व है। इसी तरह पहाडी कलाकारों को मेलों में बहुत ही कम मोका दिया जाता है संगीत मंच ने सरकार से मांग की है कि आनी मुख्यालय में हिमाचल संस्कृति सदन का निमार्ण किया जाए जो कि कलाकेन्द्र के रूप में विकसित किया जाए। आनी मुख्यालय में कलाकेन््रद स्थापित करने पर यंहा के कलाकारों को भी मंच एंव कार्यक्रम आयोजनों के लिए स्थान मिल सकेगा। सरस्वती कमा मंच के प्रधान जीवन ्रपकाश ने कहा कि आनी में कलाकेन्द्र बनाने से मेलों आदि उत्सवों में भी सुन्दर मंच कलाकारों व दर्शको को भी आर्कषित करेगा। इस बारे में आनी संगीत मंच व सस्वती कला मंच आदि संगठनों ने लिखित पत्र सरकार को ीोज दिया है। इस विशेष बैठक में संगीत कला मंच के सदस्य जयसिंह,बुद्वराम,रोशनलाल,जीवन,कुमारी अनीता,कुमारी सुनीता,दीवानराजा,प्रधान रामसिहं ठाकुर,कारदार किशनचन्द,,विनोद कुमार,बलदेव ठाकुर आदि सदस्य उपस्थित थे। 

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