दलाश मेले से देवताओं ने ली विदाई
आनी — यहां के दलाश का ऐतिहासिक द्वाश जातर मेला बुधवार को देवताओं की विदाई के साथ संपन्न हो गया। मंगलवार से शुरू हुए इस दो दिवसीय ग्रामीण मेले में यहां के अराध्य देवता जोगेश्वर महादेव के अलावा खोड़ू देवता, शाणी दुर्गा व कुइकंडा नाग ने शिरकत की। मेले में आए लोगों ने दो दिन में देवनृत्य का लुत्फ उठाया और स्वयं भी नाटी नृत्य कर प्राचीन संस्कृति का निर्वहन किया। दलाश मेले की विशेषता यह है कि यहां देवनृत्य पर ग्रामीण महिलाएं देवताओं पर पुष्प के साथ-साथ अपने घरों से लाई गेहूं, चावल की मोड़ी, अखरोट, सेब, खीरा आदि की बौछार करती हैं और देवनृत्य में शामिल लोग इसे देवता का प्रसाद समझकर उठाते हैं और इसे बड़े चाव से खाते हैं। बुधवार को लोगों ने देवताओं के समक्ष माथा टेक कर उनसे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लिया। बहरहाल दो दिवसीय दलाश मेला बुधवार को देवताओं की विदाई के साथ संपन्न हो गया।
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