Saturday, 21 March 2015

ATW NEWS MARCH 22

युवा मंडल ने गलियां- रास्ते किए चकाचक

आनी —  जिला युवा सेवा एवं खेल विभाग कुल्लू के सौजन्य से खंड आनी की पंचायत बुच्छैर में पांच दिवसीय युवा कार्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्य शिविर के तीसरे दिन जल संरक्षण को लेकर कार्य किया गया, जिसमें युवा मंडल लोअर तराला से आए प्रतिनिधियों के अलावा नोडल युवा मंडल के प्रतिनिधियों ने भी इस कार्य शिविर में अपनी सहभागिता दी। इस दौरान स्वयंसेवियों ने बावड़ी की साफ-सफाई की और जल स्रोतों को साफ करने के लिए ब्लीचिंग पाउडर का भी छिड़काव किया गया। इस कार्य शिविर में खंड समन्वयक आनी राजेश रैना ने स्थानीय गांववासियों को जल जनित संक्रामक बीमारियों के बारे में ग्रामीणों को जानकारी प्रदान की। राजेश रैना ने बताया कि यह शिविर मुख्यतः जल संरक्षण पर आधारित है, जिसमें वर्षा के जल को एकत्रित करके उपयोग में लाया जा सकेगा और साथ ही सिंचाई के लिए पानी की उचित व्यवस्था हो सके। इस कार्य शिविर में युवा मंडल सदस्यों के अलावा स्थानीय ग्रामीण और महिला मंडल सदस्यों ने भी भारी योगदान दिया। इस दौरान नोडल क्लब प्रतिनिधि दीवान चंद, पवन सागर, अशोक रैना, चंदन कुमार, विनोद कुमार आदि उपस्थित थे

संस्कृति संस्था ने जाना देव इतिहास

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संस्कृति संस्था ने जाना देव इतिहास

आनी —  आनी की हिम संस्कृति संस्था ने आनी क्षेत्र के दूरदराज गांवों का दौरा कर वहां की संस्कृति व देवी- देवताओं के इतिहास के बारे में जानकारी जुटाई। हिम संस्कृति संस्था के अध्यक्ष शिवराज शर्मा ने बताया कि संस्था के कार्यकर्ताओं ने आनी क्षेत्र  में लगभग नौ हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित देव स्थल देवता सरीनी मंदिर व साथ लगते मनोहारी व सुंदर गांव लढागी, बुच्छैर, जाओं व लफाली आदि का दौरा किया और वहां की संस्कृति का सर्वेक्षण किया। उन्होंने बताया कि बुच्छैर पंचायत में लगभग 12 हजार फुट ऊंची चोटी में स्थित बुच्छैर चूड की शैल शक्ति क्षेत्र की देव आस्था का प्रमुख केंद्र है। जहां क्षेत्र के कई देवी-देवता हर वर्ष जाकर दिव्य शक्तियां प्राप्त करते हैं। शिवराज शर्मा ने बताया कि इस पवित्र देव स्थल के  प्रति यहां के लोगों में अगाध श्रद्धा है, पर 12 देवी-देवता इसी साल बैशाख मास में एकत्रित होंगे। हिम संस्कृति के सात सदस्यीय दल ने गांव व मंदिर स्थल व साथ में सबसे ऊंचे स्थान पर स्थित बुच्छैर चूड का दौरा 17 से 20 मार्च तक पूरा किया है। संस्था के दल ने पैदल चलकर पवित्र स्थल के दर्शन किए हैं। आनी क्षेत्र का सबसे सुंदर एवं मनमोहक बगोरीथाच, जिसमें एक क्रिकेट खेल मैदान अस्थायी रूप में बनाया गया है, जिसमें क्षेत्र के युवा क्रिकेट खेलते हैं, जिसकी लंबाई व चौड़ाई हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम से भी बड़ी है, जिसे एक भव्य खेल मैदान के रूप में विकसित किया जा सकता है। मंदिर के कारदार ठाकर दास ने बताया कि देवता सरीनी के दरबार में लोग अपनी मनोकामना, सुख-समृद्धि पाने के लिए मंदिर के बाहर से ही आशीर्वाद लेते हैं। मंदिर में प्रवेश करने के लिए नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना जरूरी है। देवता गांव के लोगों को हमेशा संक्रांति बैसाख के दिन ही दर्शन व आशीर्वाद देते हैं। इस दिन इस स्थान पर भव्य आयोजन  होता है। हिम संस्कृति के अध्यक्ष एसआर शर्मा ने कहा कि इस सर्वे की पूरी रिपोर्ट भाषा एवं संस्कृति विभाग व पर्यटन विभाग कुल्लू को भेजी जाएगी। इस दौरे में संस्था के उपाध्यक्ष छविंद्र शर्मा, चमन शर्मा, यशपाल ठाकुर राकेश कुमार, जिया लाल, प्रदीप कुमार, जीवन प्रकाश, गुमत राम, अमित कुमार आदि शामिल थे।

Friday, 20 March 2015

नवरात्र शक्ति उ

शिवायै सततम् नमः

ASTHAनवरात्र शक्ति उपासना का पावन अवसर है। नौ दिनों तक संयमित जीवनशैली और उदात्त विचारों के जरिए शरीर और मन को इस योग्य बनाने की कोशिश की जाती है कि वह ब्रह्मांडीय शक्तियोंं को धारण कर सके। मंत्र जाप भी तभी सफल होता है जब शरीर और मन पवित्र हों। अन्यथा मंत्र के जरिए जिन शक्तियों का आह्वान किया जाता है, वे आती तो हैं, लेकिन साधक शरीर को स्वयं के धारण योग्य न पाकर वापस लौट जाती हैं…
मां दुर्गा का पूजन उनके भक्त नियमित ही करते हैं,परंतु नवरात्र में मां के नौ रूपों की विधिवत पूजा-उपासना अधिक फलदायी होती है और इससे धर्म,अर्थ, काम, मोक्ष, सभी प्राप्त होते हैं। कलश आदि स्थापित करने के बाद सबसे पहले आदि दुर्गा का ध्यान किया जाता है। मां सिंह पर आरूढ़ हैं ,मस्तक पर चंद्रमा का मुकुट है। मणि के समान कांति वाली भुजाओं में खड्ग,चक्र, धनुष और बाण धारण करती हैं। सुंदर रत्नजडि़त आभूषणों से सज्जित मां दुर्गा त्रिनेत्रा हैं। कानों में रत्नजडि़त कुंडल और पैरों में नूपुर सुशोभित हैं। वह सबकी रक्षा करती हैं।
मां शैलपुत्री
ध्यान- वंदे वांछित लाभाय चंद्रार्धकृत शेखराम्।
वृषारूढ़ा पद्म शूलधरां  शैलपुत्री यशस्वनीम्।।
नवदुर्गा का प्रथम स्वरूप शैलपुत्री का है। इस लिए प्रथम दिन इन्हीं की पूजा की जाती है। यह प्रथम दुर्गा हैं ,भवसागर से तारने वाली हैं। सुख-सौभाग्य तथा धन ऐश्वर्य देने वाली त्रिलोक जननी, जो परमानंद देती हैं। यह यश और कीर्ति को बढ़ाती हैं।
मां ब्रह्मचारिणी
ध्यान- दधाना कर पद्मभ्यामक्षमाला कमंडल।
देवि प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुन्रमा।।
मां दुर्गा का द्वितीय स्वरूप ब्रह्मचारिणी का है। इनका स्वरूप ज्योतिर्मय और भव्य है। नवरात्र के दूसरे दिन इनकी आराधना की जाती है। इनकी आराधना से साधक का स्वाधिष्ठान चक्र जागृत हो जाता है और अनेकानेक सिद्धियां स्वयं प्राप्त हो जाती हैं। दोनों हाथों में अक्षमाला और कमंडल धारण करने वाली देवी ब्रह्मचारिणी के आशीर्वाद से योग और अन्य साधनाएं सफल होती हैं।
मां चंद्रघंटा
ध्यान- पिंडज प्रवरारूढ़ा चंडकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसीदं तनुते महां चंद्रघंटेति विश्रुता।।
मां चंद्रघंटा तीसरे स्वरूप के नाम से विख्यात हैं। इनके मस्तक पर घंटे की तरह पूर्णचंद्र स्थापित होने के कारण इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। भुजाओं में अभयमुद्रा, धनुष,बाण तथा कमल सुशोभित हैं। कानों में स्वर्ण कुंडल तथा मस्तक पर स्वर्ण मुकुट है। तृतीय नवरात्र को मां चंद्रघंटा की आराधना की जाती है। इनका ध्यान हमारे इहलोक और परलोक दोनों के लिए कल्याणकारी है।
मां कूष्मांडा
ध्यान- सुरा संपूर्ण कलशं रुधिरा लुप्तमेव च।
दधानां हस्त पद्माभ्याम् कूष्मांडा शुभदास्तुमे।।
आदिशक्ति मां दुर्गा का चौथा रूप कूष्मांडा का है। अपने मंद हास्य से अंड-ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कूष्मांडा कहा जाता है। इनकी आराधना से परमपद की प्राप्ति होती है। इनके शरीर की कांति सूर्य के समान दैदीप्यमान है। आठ भुजाओं में कमंडल,धनुष,बाण तथा कमल,अमृत कलश ,जप माला,गदा और चक्र सुशोभित हैं। इनकी उपासना से रोग,शोक का नाश होता है और आयुबल में वृद्धिहोती है।
मां स्कंद माता
ध्यान-सिंहासनगता नित्यं,पद्माश्रित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कंदमाता यशस्विनी।।
नवरात्र के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की आराधना की जाती है।  इनके दो हाथों में कमल हैं,एक हाथ वरमुद्रा में है तथा दूसरे से इन्होंने कार्तिकेय को गोद में संभाल रखा है। इनकी उपासना से स्कंद देव की स्वतः उपासना हो जाती है।
मां कात्यायिनी
ध्यान- चंद्रहासोज्ज्वलकरा शार्दुवरवाहना।
कात्ययिनी शुभम् दद्याद्देवी दानव घातिनी।।
इनकी उपासना नवरात्र के छठे दिन होती है। इन्होंने महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न हो कर उनके यहां पुत्री रूप में जन्म लिया और उनके द्वारा पूजा ग्रहण की थी। इनकी उपासना से समस्त सिद्धियां स्वतः प्राप्त हो जाती हैं।
मां कालरात्रि
ध्यान- एक वेणी जपकर्णपूरा नग्ना खरास्थित।
लंबोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैसाभ्यक्त शरीरिणी।
वामपादोलन सल्लोहता कंटकभूषजा वर्धन्मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी।।
मां का सप्तम स्वरूप कालरात्रि का है। यह काल का नाश करने वाली हैं। इनके शरीर का रंग अंधकार की तरह काला ,बाल बिखरे हुए हैं और गले में विद्युत की तरह चमकती माला है। ये तीन नेत्रों वाली हैं,वाहन गर्दभ है। स्वरूप से भयानक होने पर भी सदैव शुभ फल देती हैं। इसीलिए इन्हें शुभंगरीक भी कहा जाता है।
 मां महागौरी
ध्यान- श्वेते वृषे समारूढ़ा शेवेतांबरधरा शुचिः
महा गौरी शुभं दधान्महादेव प्रमोददा
महागौरी आदि दुर्गा के अष्टम स्वरूप का नाम है। नवरात्र के आठवें दिन इनकी उपासना की जाती है। इनका वाहन वृषभ है और इनकी आयु आठ वर्ष की मानी जाती है। इनकी दो भुजाओं में वर मुद्रा तथा त्रिशूल और दो में अभय मुद्रा व कमंडल सुशोभित हैं। सर्व सिद्धियां प्राप्त करने के लिए इनकी उपासना फलदायक है।
मां सिद्धिदात्री
ध्यान- सिद्धिगंधर्व यक्षाधैरसुरैमरैरपि।
सेव्यमाना सदाभयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।
मां दुर्गा का नवम् रूप सिद्धिदात्री के रूप में प्रसिद्ध है। इन्होंने अपनी चारों भुजाओं में पद्म,शंख,गदा और चक्र धारण कर रखा है। सिर पर स्वर्ण मुकुट और गले में श्वेत पुष्पों की माला है। यह माता कमल पर आसीन हैं। नवरात्रों में मां के इन्हीं रूपों का ध्यान कर पूजन करने से अभीष्ट की प्राप्ति होती है।
कैसे करें देवी उपासना
सबसे पहले घर के किसी एकांत कक्ष को अच्छी तरह साफ कर स्वच्छता से देवी के लिए मंडप बनाएं। उसे केले के पत्तों तथा पुष्पों से सजाएं। इस कक्ष में शोर नहीं आना चाहिए। यदि सप्तशती का पाठ करना है तो अपने आसन के आगे लकड़ी का आसन पुस्तक के लिए भी रखें। स्वयं बैठने के लिए लाल रंग का ऊनी आसन प्रयोग करें। उपासना में पुष्प और फल लाल रंग के  ही हों  तो उत्तम रहता है। पूजन सामग्री- कलश,लाल कपड़ा,मौली, देवी के लिए वस्त्र आभूषण, शृंगार की सभी वस्तुएं रुईबत्ती,धूप ,अक्षत,कपूर इलायची ,लौंग अगरबत्ती,पंचमेवा, हवन सामग्री, आम्र पल्लव, फल ,रोली, सिंदूर, फूल तथा गंगा जल।
विधि- प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा कक्ष में चौकी पर लाल वस्त्र बिछा कर उस पर भगवती दुर्गा का चित्र या मूर्ति स्थापित करें।
कलश स्थापना
शुभ मुहूर्त में चावलों की ढेरी पर कलश स्थापित करें। इसमें सिक्का रख कर जल तथा गंगाजल भरें। ऊपर पांच पत्तियों वाला आम्र पल्लव रखें तथा कलश की गर्दन पर कलावा बांधें। अब हाथ में पुष्प ले कर कलश में देवी का आवाहन करें।
ऊँ आगच्छ वर दे देवि दैत्यदर्प निषुदिनी
पूजां ग्रहाण सुमुखि नमस्ते शंकर प्रिये
सर्व तीर्थ मयं वारि सर्वदेव समन्वितं
इमं घटं समागच्छ सान्निध्यमिह कल्पय
बलि पूजा ग्रहणात्व मष्टाभि शक्तिभिः सह
इसके बाद देवी की षोडशोपचार पूजा कर देवी का कोई भी मंत्र पांच माला नित्य जप करें। जो सप्तशती पाठ करते हैं, वे नियमित रूप से पाठ करने के बाद सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ अवश्य करें।  पूजा समाप्ति के बाद  क्षमा प्रार्थना करना न भूलें। प्रति दिन हवन नहीं कर सकते तो अष्टमी और नवमी को हवन करके विसर्जन करें। संभव हो तो पूरे नवरात्र अखंड दीप जलाएं।

Himachal’sBudget ATW NEWS

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Himachal’s Promising Budget

Anni This Week Team              Cover Story
Himachal's Promising BudgetChief Minister Virbhadra Singh presented his 18th state budget keeping in view economic resources. Besides being a tax free budget it has also kept 40.8o% provision for developmental works. The government has underlined the objectives to progress despite having limited financial resources. As majority of people are dependent upon farming and horticulture in Himachal, Chief Minister has taken due care of these sections in the budget.
Budget Lacks Innovations : Prof.  N.K. Singh
Former Chairman of International Airports Authority of India Prof. N.K. Singh feels budget says nothing new and the same worn out items have been listed in the budget as cosmetic changes like minimum wages raised from Rs. 150 to Rs. 170 or increase of milk price by rupee one are just tinkering with the same incremental change attitude in absence of a quantum jump approach. It is a pity that even giving Rs. 1200 per year scholarship for two tribal kids is mentioned. “There is nothing new in the budget but everyone is getting a few pennies more. The fact is that government has failed to present any vision of development of Himachal, said Prof N.K. Singh while talking to Himachal This Week. “The growth has fallen from national average of 7.5 to state’s 6.5 and there are registered 981,033 employment seekers in the state that has not attracted any special attention except some nominal skill training bhatta. Could there be some projects where they might seek employment and relief in giving jobs rather than distributing kherat?” he says , adding that “63 helipads are pride of the government whereas roads are in shambles and no provisions made for improving state aviation, including airports. The government is only looking after rich and influential people rather than tourists/common people.”
Prof. Singh points that the budget doesn’t have any vision of urban development and attracting investment from private sector in developing new cities. “Even tourism is mentioned in figures that include most of the pilgrims and truck tourism is the bane of today’s influx. Himachal should focus on high end tourism to earn revenue and to grow business and jobs but there is no plan or idea to have PPP for marketing such programs,” he says.
Prof. Singh feels the need to revive SEZ and such other projects to change the economy and to give jobs but there is no thinking on this.  “In sum budget is giving some loaves to everyone but these do not reflect any thinking of growth and development,” he stresses.
HTW
Prem Kumar Dhumal* The Budget is merely a jugglery of figures as nothing has been done to increase government’s revenue
-Prem Kumar Dhumal Leader of Opposition
Satpal Satti* It is a directionless budget as the government has disappointed people due to its financial mismanagement
-Satpal Satti State BJP President
What People feel…
Kulbhushan Upmanyu Sihunta* It is a balanced budget within resources but lacks futuristic vision. The ratio of administrative expenses and developmental funds need to be corrected besides generating employment resources and tackling wild animal problem
-Kulbhushan Upmanyu Sihunta
-Pinki Ramaul Paonta Sahib* The budget is welfare-oriented and inclusive budget in an era of overhyped market-oriented economic policies. However, the government continues to be hesitant in bringing necessary taxation reforms
-Pinki Ramaul Paonta Sahib
Bhupinder Singh* Sports facilities lying idle in different parts of the state should be utilized by deploying proper coaching and support staff. It will motivate youths towards sports and keep them away from drugs
-Bhupinder Singh Hamirpur
From Editor-in-Chief Desk
Chief Minister Virbhadra’s state budget is an effort to change the rural economy besides underlining the financial challenges ahead. Definition of resources from Central schemes, however, was changed even as all economic aspects were touched while preparing the budget. Chief Minister enhanced regional area development fund in consultation with MLAs besides bringing agriculture irrigation under its ambit. Every MLA will have a chance to connect with farmers and horticulturists through this scheme. Himachali farmers will have more possibilities to explore with budgetary provisions of cold storage and sixty percent subsidy for milk producing cooperative societies. Provision of fifty percent subsidy on micro irrigation schemes and creation of irrigation facility on their own is also appreciable. The government has prepared a blueprint keeping in view the problems of farmers and horticulturists that can instill confidence in rural economy. The present format of the budget has also indicated towards directions of Centre for strengthening financial positions of the panchayati raj institutions. The 14th Finance Commission has addressed the local bodies but the state budget is yet to open up on this issue. The budget failed to reveal the HIMUDA’s plan for establishing new towns and colonies for residential purpose. Questions stare at urbanization process even as eight hundred new buses received under Jawaharlal Nehru National Urban Renewal Mission are providing services. How will bus stands at Hamirpur and other places will turn to reality as ten crore earmarked for the purpose are not sufficient to even complete Nagrota Bagwan bus stand. Transport corporation might feel relieved after a provision of rupees two hundred crore but the budget has done nothing to improve the condition of other boards and corporations. It is difficult to gauge the happiness of a farmer after budget but the government has always tried to woo employees. Reducing contractual period to five years for regularization of employees, enhancing daily wages by rupees ten and regularization of daily wagers are appreciable steps and the government has tried to please different sections by taking such decisions. The government has earmarked rupees thirty five crore for sports stadiums besides preparing a blue print for indoor stadiums. The government has provided opportunity to artists by making a budgetary provision of rupees twenty five crores for construction of auditorium at district headquarters. Opening of a Fine Arts College is also commendable. Investment can be enhanced if the budget has shown some vision for infrastructure development and tourism. It is an effort to take economic responsibilities even as it is not possible to include aspirations of entire state in the budget

लच्छी-लच्छी लोक गलांदे

‘ATW NEWS

लच्छी-लच्छी लोक गलांदे’

आनी — सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सौजन्य से चुडेश्वर सांस्कृतिक मंडल सिरमौर के कलाकारों द्वारा कुल्लू जिला के आनी व निरमंड ब्लॉक में दस स्थानों पर नुक्कड़ नाटक व गीत संगीत, लोक नृत्य के जरिए प्रदेश सरकार की उपल्बियां व सरकार द्वारा अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग हेतु चलाई जा रही अनेक विकासात्मक योजनाओं के बारे में गुणगान किया गया। सांस्कृतिक मंडल के महासचिव जोगेंद्र हाब्बी ने बताया कि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा पूरे प्रदेश में लगभग सभी निर्वाचन क्षेत्रों में फोक मीडिया शो का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें गीत संगीत व नुक्कड़ नाटक के जरीए प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश की जनता के लिए चलाई गई अनेक विकासात्मक योजनाओं के बारे में जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि फोक मीडिया जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत दल के कलाकारों द्वारा आनी खंड में विशेष प्रचार अभियान के तहत समूह गान ‘सुनों सुनों ए गांव वालों…….. तथा हिमाचल म्हारा प्यारा-प्यारा नई-नई योजना रा नाजारा…. के माध्यम से लोगों को सरकार की योजनाओं से अवगत करवाया गया। जबकि बिलासपुरी लोक गीत ‘‘लच्छी-लच्छी लोक गलांदे लच्छी मेरा नाम सजना… पर लोक गायिका सीमा कुमारी ने और पहाड़ी गीत ‘गराई देआ लंबरा हो … की प्रस्तुति में रीना व सहेलियों द्वारा  लोगों का मनोरंजन  किया गया। जोगिंद्र हाब्बी ने बताया कि इसी प्रकार कलाकारों ने प्रदेश सरकार द्वारा समाज में अंतरजातीय विवाह के प्रोत्साहन हेतु 50 हजार रुपए तथा अत्याचार से पीडि़त अनुसूचित जाति को 60 हजार से लेकर पांच लाख रुपए तक अत्याचार के प्रकार अनुसार आर्थिक सहायता के बारे में भी अपने नुक्कड़ नाटक द्वारा उपस्थित जनता को जागरूक किया गया, जबकि फिश्का के किरदार व रिड़कू के किरदार में गोपाल, संदीप तथा वार्ड सदस्य के रूप सरोज कुमारी ने विकलांग छात्रों के लिए छात्रावृत्ति तथा विकलांग व्यक्तियों हेतु सरकार द्वारा दी जा रही सहायता की जानकारी दी।

Wednesday, 18 March 2015

दुकानों के बाहर लगाएं रेट लि

दुकानों के बाहर लगाएं रेट लिस्ट

आनी  —  जिला नियंत्रण, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले कुल्लू के सौजन्य से आनी खंड के कुंगश में एकदिवसीय उपभोक्ता जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। इस दौरान उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक एवं उपभोक्ता मामले के अधिकारी कुल्लू जेआर शर्मा ने उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक होने का आह्वान किया तथा कहा कि उपभोक्ता जो भी सामान की खरीददारी बाजार से करें, खरीददारी करने से पूर्व हर बात का ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को सुरक्षा, सूचना, सुनवाई,शिकायत निवारण, शिक्षा पाने के अधिकारों सहित सभी तरह के अधिकारों को ज्ञान होना जरूरी है। इस दौरान यहां पांच विभागों के अधिकारियों ने अपने-अपने विभागों से संबंधित  सरकारी योजनाओं को उपभोक्ताओं के समक्ष रखा, जिसमें से तहसील कल्याण अधिकारी गिरधारीलाल शर्मा ने सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं को मौजूद लोगों के समक्ष रखा तथा विस्तार से जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि पात्र लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ देने में विभाग की मदद करें। बाल विकास परियोजना विभाग के सीडीपीओ बीके शर्मा ने विभाग संबंधी विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। स्वस्थ्य विभाग से डा. विशाल और स्वास्थ्य शिक्षक एसडी चौहान ने विभिन्न बीमारियों व उनसे बचाव के बारे में जानकारी दी। विद्युत बोर्ड से कनिष्ठ अभियंता केहर सिंह ने उर्जा बचाने के लिए प्रेरित किया तथा बेहतर गुणवत्ता वाले विद्युत उपकरणों के प्रयोग के बारे में जागरूक किया। इस अवसर पर कुंगश पंचायत के उपप्रधान बिहारीलाल, कुंगश स्कूल के प्रधानाचार्य मनमोहन शर्मा, सीडीपीओ बीके शर्मा, गिरधारी लाल, जेई केहरसिंह, एसडी चौहान, पर्यावेक्षक मंजूला शर्मा, स्नेहलता, परसराम, अरूण शर्मा, सहित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, डिपो होल्डर, डिपो सचिवों तथा स्कूली बच्चों ने भाग लिया। कार्यक्रम के पश्चात खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक एवं उपभोक्ता मामले के अधिकारी कुल्लू जेआर शर्मा ने आनी बाजार में दुकानों का औचक निरिक्षण किया तथा बिना रेट जारी न करने वाले दुकानदारों के खिलाफ चालान काटे और सख्त हिदायतें दी गईं कि रेट लिस्ट दुकानों के बाहर टांगे

Monday, 16 March 2015

ATW NEWS

आनी में मनाएंगे परशुराम जयंती
आयोजन को लेकर ब्राह्मण सभा ने तैयार की रूपरेखा

आनी (कुल्लू)। ब्राह्मण सभा आनी में भगवान परशुराम जयंती मनाई जाएगी।
ब्राह्मण उत्थान सभा आनी की एक बैठक रविवार को दुर्गा माता मंदिर सराएं हॉल आनी में आयोजित की गई। इसकी अध्यक्षता सभा के अध्यक्ष पूर्व सुबेदार ख्याले राम शर्मा ने की। बैठक में ब्राह्मण उत्थान से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। सभा के मुख्य संयोजक पंडित अनूपराम शर्मा ने कहा कि ब्राह्मण वर्ग समाज में आज पूरी तरह से उपेक्षित होकर रह गया है। अध्यक्ष पंडित ख्यालेराम शर्मा ने कहा कि ब्राह्मण समाज आज अपने हक के लिए जागृत हो गया है। भारतीय हिंदू समाज की मान्यताओं में मनाए जाने वाले पर्वों, त्यौहारों व अन्य कर्मकांड को लेकर ब्राह्मणाें में पंचाग ’’जंत्री’’ पर विरोधाभास को ब्राह्मण सभा आनी ने समाप्त कर इसमें एकरूपता ला दी है। अध्यक्ष ने कहा कि आगामी 15 अप्रैल को आनी में परशुराम जंयती मनाई जाएगी। बैठक में फतेह चंद शर्मा, बीडी शर्मा, बेलीराम शर्मा, रूप सिंह व शिवराज शर्मा आदि ने भी अपने विचार रखे और ब्राह्मण उत्थान के लिए कई सुझाव भी दिए। बैठक में बलविंद्र मोहन शर्मा, श्याम लाल, राजपाल, यशवर्धन, टीडी शाह, तिलक राज, भोवनदेव, उपप्रधान कपूर चंद शर्मा, हरिनंद शर्मा, मोहर लाल, टिकम राम, रंजित शर्मा, प्रवक्ता शिवराज शर्मा, महासचिव छविंद्र शर्मा, चंद्रप्रकाश के अलावा गांव बटाला, थवोल, बटाला, रोपा, तुमन, नित्थर, शेउल, चेवड़ी, ओलवा, कराणा व शमेशा आदि गांवों के लोगों ने भाग लिया

Mandi - President of India Pranab Mukerjee


Himachal Latest


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Guv stresses for developing new technologies

newsMandi - President of India Pranab Mukerjee who was supposed to be the Chief Guest for the Second Convocation meet of Indian Institute of Technology (IIT) at Mandi today could not land due to inclement weather conditions and directly left for Baglamukhi temple in district Kangra and landed at Sapri near Jawalamukhi at around 10.30 to pay obeisance at Baglamukhi Temple. However, Chairman, Board of Governors, M. Natrajan read the President’s speech, in which the President has exhorted the students to serve for the Nation and for the needs of common man and secure new vistas of frontier technology. The President in his message, as read by Shri Natrajan, congratulated the IIT for its convocation and achieving the desired quality of education in Scientific and Technical education and wished IIT Mandi to keep up the good name of IIT brands throughout the country and moreover, to fulfill the duty to respond to the needs of the Society. Meanwhile, Himachal Governor Kalyan Singh was the Chief Guest for the convocation ceremony  hile  Chief Minister Virbhadra Singh presided over the function.
As many as 127 students were listed for being given degrees in various science and engineering streams besides six students were bestowed upon with Gold and Silver medals on the occasion. The President of India Gold Medal and the Institute Silver medal was awarded to Shoubhik Debnath by the Chief Minister. He also honoured Silver medals to Mr. Krishna Karnani and Deepak Sharma in streams of computer science and engineering. The Chief Minister also conferred upon Rani Gonsalves Medal for outstanding female B.Tech student to Ms. Damini Singal. The Governor in his convocation address stressed upon the need for intense research for developing new technologies in various sectors like agriculture, power, environment, information technology in order to ensure development of the nation and state. He said that growth in science and technology only can provide solutions to the existing problems and accelerate the pace of development. Kalyan Singh lauded the contribution of IITs in the country which were not only imparting best quality education but were also doing commendable job in the field of technological research. He hoped that students of IIT Mandi would also bring laurels to the state and nation with their professional expertise. He said that whatever education you have received would depend upon how to use that to meet the future challenges and exhorted the students to have high aim in life. He said that whatever they intend to do in their life, they should be fully committed to whatever they want to do and achieve. He also stressed for preserving the culture and custom and said that if we fail to follow are traditions, he don’t thinks that we can be successful in our endeavours. The Governor said that students should not only strive for achieving excellence in their fields but also sincerely work for the benefit of humanity and society. He said that they owed their success to their parents and teachers, who played a vital role in moulding them as successful professionals. He urged the students to face all kinds of challenges bravely by holding on to highest values in life. He said that best educational opportunities were available to the students as reputed institutions were set up in the state which was imparting quality education in all disciplines. Chief Minister Virbhadra Singh while addressing on the occasion said that the views of the President would certainly help to meet day to day challenges of life through innovations in the field of science and technology. He congratulated the graduating students of IIT Mandi, who were being conferred degrees today. The Chief Minister said that he well understands the hard work the students have put in to reach this stage. He said that the capacity to create, organize and apply knowledge was the most important trait of every successful person today in every profession. We have to adopt the latest techniques in the fast changing trend of technological revolution and adopt the same in our day to day working, he added.
In the present scenario, knowledge itself is expanding at ever greater speed and is a never ending process, he said. “I am happy to learn that since its inception, this is the first of the new IITs to bag International Scientific Projects in a span of just five years and the institution is fast expanding”, he said. “It is pleasing for me to note that the sustained efforts of the State Government to support and nurture this pioneer institute has now begun to bear fruit. This certainly has long term positive implications for the development of education in the field of science and technology in our state”, said the Chief Minister. M. Natrajan declared open the convocation and also read the President’s Speech received through e-mail. Director, IIT, Mandi, Shri Timothy A. Gonsalves welcomed and honoured the Governor and the Chief Minister on the occasion.

ATW NEWS गुलशन नेगीशिमला की थानेदार

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शिमला की थानेदार

प्रथम महिला थाने की पहली महिला थानेदार गुलशन नेगी मुश्किलों से कभी घबराती नहीं हैं। महिला थाना प्रभारी की कमान संभालते ही उनके पास तीन विधानसभा क्षेत्रों की कुछ पंचायतों की कानून व्यवस्था का जिम्मा भी है। गुलशन नेगी का जन्म सिरमौर जिला के नाहन में हुआ। नेगी की एक बहन और तीन भाई हैं…
utsavबास्केटबाल में भारत का नेतृत्व कर चुकीं गुलशन नेगी प्रदेश के महिला थाने को भी बखूबी चला रही हैं। बचपन से ही देश के लिए कुछ कर गुजरने की चाह लिए गुलशन नेगी ने पहले बास्केटबाल में भारत का प्रतिनिधित्व कर देश का नाम चमकाया। अब हिमाचल पुलिस की शान बनी हुई हैं। उनकी काबिलीयत ही है कि  सरकार ने महिला थाना खोलते ही पहले उन्हें ही नियुक्ति दी क्योंकि पुलिस विभाग में भी उन्होंने कई कारनामे कर दिखाए हैं। महिला थाना प्रभारी बनते ही गुलशन नेगी महिलाओं के लिए भी मिसाल बन गई हैं। वह महिलाओं के लिए सामाजिक सरोकार में भी बढ़-चढ़कर आगे ही रहती हैं। प्रथम महिला थाने की पहली महिला थानेदार गुलशन नेगी मुश्किलों से कभी घबराती नहीं हैं। महिला थाना प्रभारी की कमान संभालते ही उनके पास तीन विधानसभा क्षेत्रों की कुछ पंचायतों की कानून व्यवस्था का जिम्मा भी है। गुलशन नेगी का जन्म सिरमौर जिला के नाहन में हुआ। नेगी की एक बहन और तीन भाई हैं। गुलशन की पढ़ाई नाहन के प्राइमरी राज मंदिर स्कूल से शुरू हुई गवर्नमेंट गर्ल्स हाई स्कूल से दसवीं पास की। शमशेर सीनियर सेकेंडरी स्कूल से प्लस टू और इसके बाद नाहन कालेज से बास्केटबाल में कोचिंग का डिप्लोमा हासिल किया। गुलशन नेगी ने पढ़ाई समाप्त करने के बाद 1992 में सियोल में बास्केटबाल में भारत का प्रतिनिधित्व किया। गुलशन नेगी 18 बार हिमाचल से बास्केटबाल की नेशनल चैंपियनशिप में भाग ले चुकी हैं। यही नहीं इंटर यूनिवर्सिटी से भी पहले ही प्रयास में उनका ऑल इंडिया के लिए चयन हुआ था। इसके बाद 1994 में गुलशन नेगी बतौर पुलिस में एएसआई भर्ती हुइर्ं। इसके बाद वह 15 साल शिमला में व तीन साल विजिलेंस में, एक साल सीआईडी में काम कर चुकी हैं। 11  अगस्त, 2014 से वह प्रदेश के पहले महिला पुलिस थाने में प्रभारी के रूप में तैनात हैं।  20 साल की नौकरी पूरी होते ही उन्हेें प्रथम महिला थाने की कमान संभालने का मौका मिला। गुलशन नेगी सबके लिए पे्ररणा बनी हुई हैं। उनका निजी जीवन भी काफी संघर्षपूर्ण है। गुलशन नेगी के पति सुनील नेगी सीआईडी में डीएसपी के पद पर तैनात हैं।
छोटी सी मुलाकात
आपने यही प्रोफेशन क्यों चुना?
स्पोर्ट्स मैन के नाते नौकरी आसानी से मिल गई। इसी नौकरी के जरिए महिलाओं की सेवा करने का भी मौका मिल गया।
इस जॉब को करते हुए आपको क्या-क्या परेशानियां पेश आती हैं?
फर्ज के आगे परेशानियों का पता नहीं चलता। पति पुलिस में है इसलिए वह मेरी परेशानी को समझ जाते हैं। बच्चे जब छोटे थे तो समस्याएं थीं।
महिला होने पर कितना गर्व महसूस करती हैं?
महिला होने पर मुझे गर्व है। मेरे पिता ने कभी बेटी और बेटे में फर्क नहीं समझा। यही वजह है कि आज इस मुकाम पर हूं। हम सबको अपनी बेटियों को बेटों की तरह समझना चाहिए।
परिवार व नौकरी में तालमेल कैसे बिठाती हैं?
काम थोड़ा मुश्किल है। लेकिन तालमेल खुद ही बन जाता है। अपने आपको समय के अनुसार ढालना पड़ता है। पुलिस की नौकरी में सारे काम दौड़ भाग में होते हैं। आराम से कुछ नहीं कर पाते।
प्रदेश की महिलाओं को क्या संदेश देना चाहती हैं?
महिलाएं आत्मनिर्भर बनें। इतनी मजबूत बनें कि उन्हें किसी के आगे झुकना न पड़े। महिला अगर आवाज नहीं उठाएगी तो उनकी कोई नहीं सुनेगा। महिलाएं अपनी बच्चियों को अच्छी शिक्षा दें ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। कानून पर विश्वास रखें, किसी से डरें नहीं, कोई समस्या हो तुरंत महिला थाना में पहुंचें।
कामयाबी का श्रेय किसे देना चाहती हैं?
कामयाबी के सफर में बिना मेहनत के मंजिल नहीं मिल सकती। माता-पिता का आशीर्वाद व गुरुओं का मार्ग। ये सब सफलता दिलाता है।
प्रदेश में महिला सुरक्षा को लेकर क्या होना चाहिए?
सरकार व पुलिस विभाग इस दिशा में काम कर रही है। पर अभी भी कुछ और ठोस कदम उठाने की जरूरत है। महिला थाना हर जिला में होना चाहिए। यहां तक कि  उपमंडलों में भी महिलाओं के लिए अलग से थाने खोले जाएं। महिला थानों में महिला पुलिस जांच अधिकारियों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है ताकि महिला थाना में आने वाली महिलाओं को जल्दी न्याय मिल सके।
ऐसी कोई जांच या मोड़ है जिसने भीतर तक हिला दिया हो?
मैं इतनी कमजोर नहीं हूं कि फर्ज के आगे जांच से घबरा जाऊं। जो भी जांच सौंपी गई उसे बखूबी तय समय में पूरा किया है।
जनता में पुलिस के नकारात्मक रवैये को जनविश्वास में बदलने को लेकर आपका क्या मत है?
पहले लोग पुलिस के सिस्टम से सहमत नहीं थे। लेकिन अब लोगों की सोच बदलने लगी है। आम जनता और पुलिस के बीच तालमेल बन चुका है। चूंकि पुलिस विभाग लोगों को बेहतर सेवाएं दे रहा है। अभी भी लोगों के साथ बेहतर संवाद, मेलजोल बढ़ाने और जनता की सहभागिता को और बढ़ाने की जरूरत है।
आम थाने से महिला पुलिस के बीच संवेदना में अंतर आया या प्राथमिक जांच की कठोरता कम हुई है?
महिला थाने में महिलाएं बेझिझक होकर अपनी बात रख सकती हैं। महिला थाना सिर्फ महिलाओं के लिए ही है और यह भावना महिलाओं के अंदर आत्मविश्वास जगाती है। महिला थाने ने महिलाओं और आम थाने के बीच उनकी दूरी को कम  किया है।
पुलिस वर्दी के भीतर एक औरत के रूप में आपकी ताकत व कमजोरी क्या है?
मेरी सबसे बड़ी ताकत है वर्दी। वर्दी पहनना मैं गर्व महसूस करती हूं क्योंकि मुझे वर्दी से हिम्मत और जुनून मिलता है। इसी वर्दी के जरिए कई लोगों के घर उजड़ने से बचाए गए हैं। कमजोरी का कोई पहलू नहीं है।
महिलाओं के जीवन में सुरक्षा का एहसास भरने के लिए पुलिस विभाग के प्रयास किस हद तक सफल हुए हैं?
पुलिस विभाग इस कड़ी में बेहतर काम कर रहा है। महिलाओं के लिए महिला थाने, महिला हेल्पलाइन नंबर शुरू किए गए हैं। महिला पुलिस कर्मियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। महिलाओं के साथ पुलिस का बढ़ता संवाद उनमें आत्मविश्वास बढ़ा रहा है।
कोई प्रण जो बतौर थाना प्रभारी आपने लिया है?
महिलाओं की सुरक्षा और महिलाओं को तुरंत न्याय दिलाना उनका मकसद है। पुलिस के प्रति आम जनता की सोच को बदलने की कोशिश करूंगी। महिलाओं की परेशानियों को दूर करना और उनके अंदर आत्मविश्वास जगाना यही लक्ष्य है।
राजधानी की महिलाओं को आप का वायदा?
राजधानी में कानून व्यवस्था पुलिस के कंट्रोल में है। महिलाएं बेखौफ होकर आ-जा सकती हैं। महिलाओं को पुलिस पूरी सुरक्षा प्रदान कर रही है। किसी भी महिला के साथ कोई अन्याय हो तो वह बेखौफ होकर महिला थाना में आए, उनकी समस्या का समाधान तुरंत किया जाएगा।

भाजपा मंडल आनी

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आनी में थमा विकास का पहिया

आनी — भाजपा मंडल आनी की एक विशेष बैठक दलाश गावं में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता मंडल के अध्यक्ष अमर ठाकुर ने की। बैठक में भाजपा संगठन पर विचार-विमर्श किया गया और आनी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस सरकार की नाकामियों पर कडा रोष जताया गया। मंडल के अध्यक्ष अमर ठाकुर ने बताया कि कांग्रेस के शासन में आनी विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों पर विराम लग गया है। सरकार के नुमाइंदे बदले की भावना से कार्य कर भाजपा समर्थित अधिकारियों व कर्मचारियों को बिना वजह तंग कर रही है। उन्होंने कहा कि रामपुर व आनी के पंद्रह बीस क्षेत्र को आपस में जोड़ने के लिए सतलुज नदी पर बनाए जा रहे पुल पर भी कांग्रेस सरकार अपनी ओछी राजनीति कर जनता के हितों की अनदेखी कर रही है। अमर ठाकुर ने बताया कि भाजपा की विस्तार योजना के तहत आनी भाजपा मंडल द्वारा आनी व निरमंड क्षेत्र के शक्ति केंद्रों व बूथ स्तर पर विशेष बैठकों का आयोजन किया जाएगा, जिसे 16 से 31 मार्च तक चलाया जाएगा और इस दौरान सदस्यता अभियान मे भी तेजी लाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस अभियान के लिए विजय गुप्ता व रमन शर्मा को प्रभारी बनाया गया है। इस बैठक में मंडल अध्यक्ष के साथ संगठन मंत्री शिशुभाई धर्मा, रमन ठाकुर, पूर्व विधायक किशोरी लाल, अन्नु ठाकुर, योगेश भार्गव, जीवन चौहान, सतेंद्र शर्मा, कृष्ण ठाकुर, योगेश परमार, राकेश वर्मा, आशिश शर्मा, दयाल वर्मा, राजकुमार, हिम्मत ठाकुर व मोहन सहित अन्य कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।

शहतीरों पर पत्थर रख कर रहे नाला पार

शहतीरों पर पत्थर रख कर रहे नाला पार

आनी — आनी व करसोग क्षेत्र के बीच बहती दोगडा नदी पर बाडी नामक स्थान के पास लोगों को आने-जाने के लिए पुल की सुविधा न होने से ग्रामीणों को बेहद परेशानी का सामना करना पड रहा है। ग्रामीण जोवन दास, चमन खाची, धनीराम, तुलसी दास, लायकराम, बालक राम व ललित आदि का कहना है कि दोगडा नदी से प्रतिदिन दर्जनों गावों के लोगों का आना-जाना लग रहता है। लोगों ने सुविधा के लिए लकड़ी के दो शहतीरों पर पत्थर रखकर विकल्प तो बनाया है, मगर इस अस्थायी पुलिया पर लोगों को जान जोखिम में डालकर गुजरना पड़ रहा है। इस नदी पर पुल लगाने के लिए उन्होंने पंचायत को भी कई बार अवगत कराया और आनी व करसोग के विधायकों से भी लिखित तौर पर आग्रह किया, मगर अभी कोई भी समाधान नहीं हो पाया है, जिससे समस्या जस की तस है। ग्रामीणों का कहना है कि वे इस बारे में एक ज्ञापन एसडीएम आनी व करसोग भी सौंप कर बाडी नामक स्थान के पास दोगडा नदी पर पुल लगाने की मांग करेंगे और मांग पूरी न होने पर धरना देंगे।

आनी में हक को गांव-गांव घूमेंगे ब्राह्मण

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आनी में हक को गांव-गांव घूमेंगे ब्राह्मण

आनी —  ब्राह्मण उत्थान सभा आनी की एक विशेष बैठक रविवार को दुर्गा माता मंदिर सराय हाल आनी में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता सभा के अध्यक्ष सूबेदार ख्याले राम शर्मा ने की। बैठक में ब्राह्मण उत्थान से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। सभा के मुख्य संयोजक पं. अनूप राम शर्मा ने कहा कि ब्राह्मण वर्ग समाज में आज पूरी तरह से उपेक्षित होकर रह गया है। सरकार भी इस वर्ग के उत्थान के लिए कुछ नहीं कर रही है, जबकि दूसरे वर्गों को पूरा अधिमान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संविधान में ब्राह्मणों को जो अधिकार दिए गए हैं, उनसे भी इस वर्ग को वंचित किया जा रहा है। बैठक में सभा के अध्यक्ष पं. ख्याले राम शर्मा ने कहा कि ब्राह्मण समाज आज अपने हक के लिए जागृत हो गया है। इसके लिए सभा द्वारा गांव-गांव में जागरूकता अभियान छेड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय हिंदू समाज की मान्यताओं में मनाए जाने वाले पर्वों, त्योहारों व अन्य कर्मकांड को लेकर ब्राह्मणों में पंचाग ‘जंत्री’ पर परस्पर पनपे विरोधाभास को ब्राह्मण सभा आनी ने समाप्त कर इसमें एकरूपता ला दी है। जो आनी क्षेत्र में कर्मकांड से जुड़े सभी ब्राह्मणों के लिए प्रभाव से लागू होगी। उन्होंने कहा कि सभा द्वारा पंचांग व भगवान परशुराम का कैलेंडर भी जल्द वितरित किया जाएगा। अध्यक्ष ने कहा कि आगामी 15 अप्रैल को आनी में परशुराम जयंती धूमधाम से मनाई जाएगी, जिसमें भगवान परशुराम की झांकी व शोभायात्रा भी निकाली जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मौके पर दूसरे जिलों की सभाओं के पदाधिकारी भी भाग लेंगे। बैठक में फतेह चंद शर्मा, बीडी शर्मा,बेलीराम शर्मा, रूप सिंह व शिवराज शर्मा आदि ने भी अपने विचार रखे और ब्राह्मण उत्थान के लिए कई सुझाव भी दिए। सभा की अगली बैठक परशुराम जयंती को लेकर तीन अप्रैल को पुनः आनी में रखी गई है। बैठक में सभा के बलविंद्र मोहन शर्मा, श्याम लाल, राजपाल, बटाला, रोपा, तुमन, नित्थर, शेउल, चेवडी, ओलवा, कराणा व शमेशा आदि गावों के ब्राह्मणों ने भाग लिया

Saturday, 7 March 2015

KAWALI


GDC HARIPUR



आनी कालेज में वार्’िाक उत्सव 2015



पहाड़ी कलाकारों


पहाड़ी कलाकारों ने नचाई आनी

आनी — फाग मेले के पावन अवसर पर युवक मंडल बटाला द्वारा लोगों के भरपूर मनोरंजन के लिए स्व.संजीव शर्मा की स्मृति में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया,जिसमें एपीएमसी कुल्लू एवं लाहुल स्पीति के चेयरमैन युपेंद्र कांत मिश्रा ने बतौर मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। युवक मंडल बटाला द्वारा उन्हें टोपी व मफलर पहनाकर सम्मानित किया गया और उन्हें स्मृति चिन्ह भी भेंट किया। इस मौके पर उनके साथ जिला परिषद सदस्य चांद ठाकुर,चंद्रकेश शर्मा, प्रताप ठाकुर, भाग चंद सोनी, लायक राम भोल्टा, प्रदीप शर्मा,देवी सिंह,मंदिर के कारदार रामानंद, बेलीराम, मंगतराम, बेली राम ठाकुर,व ज्ञान शर्मा सहित अन्य कई मेहमान उपस्थित थे। इस मौके पर हौली एंजल पब्लिक स्कूल बटाला के नन्हे मुन्ने बच्चों द्वारा दीप वंदना से कार्यक्रम का आगाज किया गया। कार्यक्रम में मंच का संचालन भुपेंद्र कुमार ने किया। युवक मंडल के रामकृष्ण, लीलाधर, टिकमराम, मुकेश, योगेश, तावेराम, निद, मनोज,रविन,पूनित,अनिल,व टेकचंद आदि कलाकारों द्वारा रामायण से संबद्ध सीता स्वयंवर की सुंदर प्रस्तुति ने दर्शकों व उपस्थित अतिथियों का भरपूर मनोरंजन किया। इस प्रस्तुति पर कलाकारों ने खूब वाहवाही लूटी। दल के कलाकार तावेराम द्वारा प्रस्तुत क्षणिका ‘दो फायदे‘ने जहां दर्शकों को खूब लोट पोट किया वहीं अंशुल के पहाडी चुटकुलों नें लोगों को खूब हंसाया। युपेंद्र कांत मिश्रा ने युवाओं से आधुनिकता के पीछे न भागते हुए अपनी प्राचीन संस्कृति को सजोए और अपने माता पिता, गुरुजनों तथा बडों का आदर करने का आह्वान किया। उन्होंने इस मौके  पर कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए अपनी ओर से 51 सौ रुपए देने की घोषणा की

फाग मेलाआनी

होलिका दहन के साथ फाग मेले का समापन

आनी — बुराई पर अच्छाई व अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक आनी के बटाला का  प्राचीन एवं ऐतिहासिक फाग मेला शरद पूर्णिमा की पावन वेला पर होलिका दहन की रस्म के साथ धूमधाम से संपन्न हो गया। आनी के जलोडी क्षेत्र की पंचायत खणी के ब्राह्मण बहुल गांव बटाला में स्थित ठाकुर मुरलीधर के प्रांगण में मनाया जाने वाले फाग मेले की अपनी ही ऐतिहासिकता है। गांव के लोग होली पर्व के एक दिन पूर्व भगवान ठाकुर मुरलीधर के साथ ब्रज की भांति ही होली खेलते हैं। इस वर्ष की परंपरा में गुरुवार को ठाकुर मुरलीधर के मंदिर में प्रातः ब्राह्मण पुजारियों द्वारा कृष्ण जी की विधिवत पूजाअर्चना कर उनकी आरती उतारी गई और दिन में सभी गांववासियों ने कृष्ण जी के साथ होली खेलकर एक दूसरे को पाप पर पुण्य की विजय की बधाई दी। ब्राह्मण पं.अनुपराम शर्मा,बेलीराम शर्मा, हरिनंद शर्मा,चुन्नी लाल शर्मा, जोवन दास,सहित अन्य कई ब्राह्मणों ने ढोलकी, हारमोनियम,चिमटा व कंसी की तान पर कृष्ण जी को समर्पित ब्रह्म भक्ति गीतों की झड़ी लगाई,जिनमें होली गीत‘‘ राजा बली के द्वारे मची होली..‘‘बाजे शब्द प्रहलाद.वासू की नाग की होली..‘‘सहित अन्य कई भक्ति गीत पेश किए गए,जिन पर कई भक्त कृष्ण जी की भक्ति धारा में डूब कर झूम उठे। भजन कीर्तन का यह दौर अंखड व निर्वाद रूप प्रातःकाल तक चलता रहा।
आग लगाकर जलाई फाग बूटी
चार बजे के बाद होलिका स्वरूप फाग बूटी को दो दलों द्वारा वाद्य यंत्रों की गूंज पर बडे जोशखरोश के साथ नाचते गाते हुए मंदिर  प्रांगण में लाकर प्रांगण के मध्य भाग में गाडा गया। इस बूटी के उपर गांव के पुराने किल्टे टनोकडे लटकाए गए,तभी ठाकुर मुरलीधर के कारकुनों द्वारा गरो से निर्मित लंबीलंबी 16 जलती मशालों को मंदिर प्रांगण में लाया गया,जिनसे प्रांगण में जलती मशालों का सुरक्षा घेरा बनाया गया। इसी बीच होलिका स्वरूप फाग बूटी को आग लगाकर उसका दहन किया गया।

जिला कुल्लू सांस्कृतिक परिषद ने बैठक कीं

आनी दिस वींक
जिला कुल्लू सांस्कृतिक परिषद ने बैठक कीं
आनी निरमण्ड सहित जिला कुल्लू के हर गंाव की संस्कृति के प्रचार प्रसार एंव संरक्षण के लिए योजना बारें चर्चा की गई
बचत भवन कुल्लू में जिला सांस्कृतिेक परिषद की एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीसी कुल्लू राकेश कंवर ने कहा कि जिल कुल्लू के हर गांव व क्षेत्र की पहचान संस्कृति मेलों त्यौहारों से है इसलिए जिला कुल्लू आनी निरमण्ड,बन्जार,मनाली,के वरिष्ठ लेखक,साहित्यकार,कलाकार,शिक्षण संस्थान,सांस्कृतिक मंचों आदि के सदस्यों को जिला सांस्कृतिक परिषद में जोडा गया है। बैठक में सांस्कृतिक एंव प्राचीन संस्कृति को बढावा देने के लिए योजना बनई गई। परिषद के सदस्यों ने अपनी अपनी बात रखी जिसमें संस्कृति व लोक कलाकारें सहित थिएटर कलाकारें को मंच प्रदन किया जाएगा। डीसी ने कहा की कुल्लू मुख्यालय में सांस्कृतिक परिषद का म्यूजियम स्थापित किया जाएगा जिसमें कुल्लू जिला के हर क्षेत्र की संस्कृति से जुडी प्राचीन वाध्य यन्त्र सहित दुर्लभ वस्तुऐं रखी जाएगी। ताकि कुल्लू मनाली में आने बाले देश विदेश के पर्यटकों को जिल कुल्लू के हर क्ष्ेात्र की संस्कृति से जोडा जा सके। बैठक में कुल्लू जिला सांस्कृतिक परिषद के संिवधान की रूपरेखा भी तैयार की गई। जिस पर सभी सदस्यों ने चर्चा की बैठक में जिला भाषा अधिकारी प्रोमिला गुलेरिया,नरेशचन्द ठाकुर,सी आर दुगल,छेरिंग दोरजे,इन्दु पटियाल,केहरसिहं,रमेश ठाकुर,शिवराज शर्मा,ठाकुरदास राठी,सुात ठाकुर,तोपदन,डा0 निरंजनदेव,डीपीआर ओ शेरसिहं,सरिता शर्मा,शमशेरसिंह,दैलत भारती,सहित सभी सदस्य उपस्थित थे।