संस्कृति संस्था ने जाना देव इतिहास
आनी — आनी की हिम संस्कृति संस्था ने आनी क्षेत्र के दूरदराज गांवों का दौरा कर वहां की संस्कृति व देवी- देवताओं के इतिहास के बारे में जानकारी जुटाई। हिम संस्कृति संस्था के अध्यक्ष शिवराज शर्मा ने बताया कि संस्था के कार्यकर्ताओं ने आनी क्षेत्र में लगभग नौ हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित देव स्थल देवता सरीनी मंदिर व साथ लगते मनोहारी व सुंदर गांव लढागी, बुच्छैर, जाओं व लफाली आदि का दौरा किया और वहां की संस्कृति का सर्वेक्षण किया। उन्होंने बताया कि बुच्छैर पंचायत में लगभग 12 हजार फुट ऊंची चोटी में स्थित बुच्छैर चूड की शैल शक्ति क्षेत्र की देव आस्था का प्रमुख केंद्र है। जहां क्षेत्र के कई देवी-देवता हर वर्ष जाकर दिव्य शक्तियां प्राप्त करते हैं। शिवराज शर्मा ने बताया कि इस पवित्र देव स्थल के प्रति यहां के लोगों में अगाध श्रद्धा है, पर 12 देवी-देवता इसी साल बैशाख मास में एकत्रित होंगे। हिम संस्कृति के सात सदस्यीय दल ने गांव व मंदिर स्थल व साथ में सबसे ऊंचे स्थान पर स्थित बुच्छैर चूड का दौरा 17 से 20 मार्च तक पूरा किया है। संस्था के दल ने पैदल चलकर पवित्र स्थल के दर्शन किए हैं। आनी क्षेत्र का सबसे सुंदर एवं मनमोहक बगोरीथाच, जिसमें एक क्रिकेट खेल मैदान अस्थायी रूप में बनाया गया है, जिसमें क्षेत्र के युवा क्रिकेट खेलते हैं, जिसकी लंबाई व चौड़ाई हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम से भी बड़ी है, जिसे एक भव्य खेल मैदान के रूप में विकसित किया जा सकता है। मंदिर के कारदार ठाकर दास ने बताया कि देवता सरीनी के दरबार में लोग अपनी मनोकामना, सुख-समृद्धि पाने के लिए मंदिर के बाहर से ही आशीर्वाद लेते हैं। मंदिर में प्रवेश करने के लिए नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना जरूरी है। देवता गांव के लोगों को हमेशा संक्रांति बैसाख के दिन ही दर्शन व आशीर्वाद देते हैं। इस दिन इस स्थान पर भव्य आयोजन होता है। हिम संस्कृति के अध्यक्ष एसआर शर्मा ने कहा कि इस सर्वे की पूरी रिपोर्ट भाषा एवं संस्कृति विभाग व पर्यटन विभाग कुल्लू को भेजी जाएगी। इस दौरे में संस्था के उपाध्यक्ष छविंद्र शर्मा, चमन शर्मा, यशपाल ठाकुर राकेश कुमार, जिया लाल, प्रदीप कुमार, जीवन प्रकाश, गुमत राम, अमित कुमार आदि शामिल थे।
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