होलिका दहन के साथ फाग मेले का समापन
आनी — बुराई पर अच्छाई व अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक आनी के बटाला का प्राचीन एवं ऐतिहासिक फाग मेला शरद पूर्णिमा की पावन वेला पर होलिका दहन की रस्म के साथ धूमधाम से संपन्न हो गया। आनी के जलोडी क्षेत्र की पंचायत खणी के ब्राह्मण बहुल गांव बटाला में स्थित ठाकुर मुरलीधर के प्रांगण में मनाया जाने वाले फाग मेले की अपनी ही ऐतिहासिकता है। गांव के लोग होली पर्व के एक दिन पूर्व भगवान ठाकुर मुरलीधर के साथ ब्रज की भांति ही होली खेलते हैं। इस वर्ष की परंपरा में गुरुवार को ठाकुर मुरलीधर के मंदिर में प्रातः ब्राह्मण पुजारियों द्वारा कृष्ण जी की विधिवत पूजाअर्चना कर उनकी आरती उतारी गई और दिन में सभी गांववासियों ने कृष्ण जी के साथ होली खेलकर एक दूसरे को पाप पर पुण्य की विजय की बधाई दी। ब्राह्मण पं.अनुपराम शर्मा,बेलीराम शर्मा, हरिनंद शर्मा,चुन्नी लाल शर्मा, जोवन दास,सहित अन्य कई ब्राह्मणों ने ढोलकी, हारमोनियम,चिमटा व कंसी की तान पर कृष्ण जी को समर्पित ब्रह्म भक्ति गीतों की झड़ी लगाई,जिनमें होली गीत‘‘ राजा बली के द्वारे मची होली..‘‘बाजे शब्द प्रहलाद.वासू की नाग की होली..‘‘सहित अन्य कई भक्ति गीत पेश किए गए,जिन पर कई भक्त कृष्ण जी की भक्ति धारा में डूब कर झूम उठे। भजन कीर्तन का यह दौर अंखड व निर्वाद रूप प्रातःकाल तक चलता रहा।आग लगाकर जलाई फाग बूटी
चार बजे के बाद होलिका स्वरूप फाग बूटी को दो दलों द्वारा वाद्य यंत्रों की गूंज पर बडे जोशखरोश के साथ नाचते गाते हुए मंदिर प्रांगण में लाकर प्रांगण के मध्य भाग में गाडा गया। इस बूटी के उपर गांव के पुराने किल्टे टनोकडे लटकाए गए,तभी ठाकुर मुरलीधर के कारकुनों द्वारा गरो से निर्मित लंबीलंबी 16 जलती मशालों को मंदिर प्रांगण में लाया गया,जिनसे प्रांगण में जलती मशालों का सुरक्षा घेरा बनाया गया। इसी बीच होलिका स्वरूप फाग बूटी को आग लगाकर उसका दहन किया गया।
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