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शक्तिदेवी को शांति पुरस्कार
भारतीय पुलिस अब भी औपनिवेशिक मानसिकता की छाया से पूरी तरह नहीं उबर पाई है। उसकी कार्यप्रणाली में लोकतांत्रिक भावना के दर्शन कम ही होते हैं। ऐसे में किसी महिला पुलिस आफिसर को उसकी बेहतर कार्यप्रणाली और लोकतांत्रिक पुलिसिंग के लिए अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिलना एक सुखद एहसास दिलाता है। शक्तिदेवी को उनकी बेहतर पुलिसिंग के लिए संयुक्त राष्ट्र ने सम्मानित किया है…
पुलिसिंग की दुनिया में भारत की स्थिति बहुत अच्छी नहीं मानी जाती। पुलिस अब भी पुराने ढर्रे पर काम करती है और उसकी प्राथमिकता में लोगों की सुरक्षा से अधिक ऊंचे ओहदेदारों की हुकम की तामील करना होती है। पेशेवर पुलिसिंग अभी भी भारत में देखने को नहीं मिलती। लेकिन इस सड़ी-गली प्रणाली के बीच भी भारत की एक महिला ने पुलिसिंग के नए मानदंड स्थापित कर पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है। भारत की महिला पुलिस निरीक्षक शक्तिदेवी को संयुक्त राष्ट्र का महिला शांतिरक्षक पुरस्कार दिया गया है। शक्तिदेवी को अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन में ड्यूटी में असाधारण उपलब्धियां हासिल करने और यौन एवं लिंग आधारित हिंसा के पीडि़तों की मदद करने के प्रयासों के लिए विश्व निकाय की पुलिस शाखा ने यह सम्मान दिया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस की निरीक्षक शक्तिदेवी को अंतरराष्ट्रीय महिला पुलिस शांतिरक्षक पुरस्कार-2014 से पुरस्कृत किया गया है। वह वर्तमान में अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन में तैनात हैं। संयुक्त राष्ट्र की पुलिस शाखा ने यहां भारतीय मिशन को भेजे गए एक पत्र में कहा है कि शक्तिदेवी को अफगानिस्तान के विभिन्न हिस्सों में महिला पुलिस परिषद प्रतिष्ठान का नेतृत्व करने में उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया है। इसने कहा गया है कि देवी ने महिला पुलिस के स्तर में सुधार में योगदान दिया है और पुलिसिंग के लोकतांत्रिक सिद्धांतों के लक्ष्य को पूरी तरह ग्रहण करने की दिशा में अफगान पुलिस के कदम में प्रभावी मदद की है। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने कहा कि इसके अतिरक्त यौन एवं लिंग आधारित हिंसा के पीडि़तों के लिए सेवा में सुधार में उनकी दृढ़ कटिबद्धता ने सफल जांच और अभियोजन को अंजाम दिया है। यह पुरस्कार विनिपेग, कनाडा में इस महीने के शुरू में आयोजित इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ वूमन पुलिस सम्मेलन के दौरान दिया गया। पुरस्कार एक प्रतिस्पर्धा पुरस्कार है जो संयुक्त राष्ट्र के किसी शांति अभियान में सेवा देने वाली किसी असाधारण महिला पुलिस शांतिरक्षक को दिया जाता है। यह पुरस्कार इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ वूमन (आईएडब्ल्यूपी) अवार्ड्स कार्यक्रम के सहयोग से आयोजित किया जाता है और इसके वार्षिक सम्मेलन के दौरान दिया जाता है। भारत संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में सबसे ज्यादा योगदान देने वाला देश है और इसने अब तक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से समर्थित 69 शांति रक्षा अभियानों में से 43 में 170,000 से अधिक सैनिकों का योगदान दिया है। शांति रक्षा अभियानों और सैनिकों से संबंधित लागत के लिए संयुक्त राष्ट्र भारत का 11 करोड़ डॉलर का देनदार है और यह किसी देश की दूसरी सबसे बड़ी बकाया राशि है। अवार्ड का मकसद पूरी दुनिया में शांति अभियानों में पुलिस की समझ को बढ़ावा देने, वैश्विक शांति संचालन में महिला पुलिस के प्रयासों पर प्रकाश डालने, दुनिया के सभी देशों में महिला अधिकारियों की भूमिका और यूएन पीस आपरेशन में विभिन्न देशों की भागीदारी को बढ़ावा देना है। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय महिला पुलिस शांति नेटवर्क में सदस्यता को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय पुलिस शांति स्थापना और नेटवर्क में अंतरराष्ट्रीय समझ और महिलाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
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