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कबड्डी का दूसरा नाम है कविता
भारत को कबड्डी में एशियन चैंपियन बनवाने वाली मनाली की कविता का नाम आज बेशक हर हिमाचली की जुबान पर है, पर इस होनहार की कामयाबी के पीछे अभावों और संघर्ष की लंबी दास्तान है…
—संदीप शर्मा, कुल्लू
छोटी सी मुलाकात
आपके भीतर सबसे बड़ी ताकत और आपको कब इसका पता चला ?
जब मैं स्कूल में पहली बार कबड्डी के मैदान में उतरी थी तथा पहला मैच जीता, तो मुझे अपने अंदर छुपी हुई प्रतिभा का एहसास हुआ तथा उसके बाद इस क्षेत्र में काफी मेहनत की।
धर्मशाला के छात्रावास को और बुलंदी पर पहुंचाने के लिए क्या करना चाहिए ?
साई होस्टल धर्मशाला में अभी उतनी ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं जितनी कि होनी चाहिए। सरकार को इस होस्टल का विस्तार कर खिलाडि़यों को प्रोत्साहित करना चाहिए। जिससे कि हर लड़की कविता बनकर हर वह मुकाम हासिल कर सकती है, जिसे वह हासिल करना चाहती है।
हिमाचल की खेल प्रतिभाओं को कैसे पहचाना जाए और उन्हें कैसे आगे ले जाया जाए ?
ग्रामीण स्तर पर सरकार को खेल प्रतिभाओं को पहचाने के लिए काम करना होगा। ग्रामीण क्षेत्र के खिलाडि़यों को अगर सरकार द्वारा अच्छा मंच देकर प्रयास किया जाए, तो प्रदेश के खिलाडि़यों का भविष्य सुधर सकता है।
नारी देह के साथ खेलों में ऊंचाई हासिल करके आपके जीवन में क्या अंतर आया?
मैंने चारों ओर भू्रण हत्या पर तमाचा जड़ते हुए खेलों में प्रदेश का नाम रोशन किया है तथा खेल क्षेत्र में नाम कमाकर मैं काफी खुश हूं।
हिमाचली लड़कियों को अगर आपने तीन टिप्स देने होंगे तो क्या देंगी?
लड़कियां कभी भी अपने आप को लड़कों से कम न आंकें। वहीं अपने अंदर के आत्मविश्वास को जगाकर अपनी मंजिल की ओर बढ़ें और लड़कियां भी खेल को खेल की भावना से ही खेलेें।
आपके व्यक्तित्व की असली मंजिल क्या है?
वर्ल्ड कप जीतकर प्रदेश का नाम और ऊंचा करना ही मेरा मुख्य लक्ष्य है।
हिमाचल में विश्व स्तरीय खेल क्षमता का प्रदर्शन हासिल करने के लिए क्या जरूरी है?
हिमाचल में खिलाडि़यों को सुविधा न के बराबर है। हिमाचली खिलाडि़यों में काफी टेलेंट है तथा सरकार को ज्यादा से स्टेडियमों, खेल होस्टलों आदि का निर्माण करवाकर खिलाडि़यों को प्रोत्साहित करना चाहिए। जिससे कि हिमाचल के खिलाड़ी भी अन्य देशों की भांति अपनी प्रतिभा का बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
खेलों में आपका आर्दश तथा सफलता के मापदंड क्या हैं?
खेलों में मैं अपना आदर्श अपने कोच को मानती हूं, लेकिन इस मुकाम पर पहुंचाने के लिए मेरे अभिभावकों व परिवार के अन्य सदस्यों ने भी काफी मेहनत की है। कबड्डी का मैच जीतने के लिए मैं कड़ी प्रैक्टिस करती हूं। सुबह जल्दी उठकर ग्राऊंड में प्रैक्टिस करना अब मेरी एक आदत सी बन गई है।
कबड्डी के अलावा हिमाचली लड़कियां किस खेल में श्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकती हैं?
पवर्तारोहण और स्की जैसी प्रतियोगिताओं में हिमाचली लड़कियां पहले ही अपनी सफलता का विश्व भर में लोहा मनवा चुकी हैं। हिमाचली लड़कियों में काफी टेलेंट छुपा हुआ है तथा हर खेल में अब लड़कियां आगे आकर हिस्सा ले रही हैं। ऐसे में सरकार को भी उनके प्रोत्साहन के लिए सकारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है।
प्रदेश के लिए आपका जज्बा और भूमि का कर्ज उतारने का मकसद क्या है?
हिमाचल के लोगों ने जिस तरह से मुझे अपना साथ तथा प्यार दिया है, यह गोल्ड मेडल भी उसके आगे कम पड़ता है। मेरा मकसद अब यही है कि कबड्डी का बर्ल्ड कप जीतकर हिमाचल प्रदेश के नाम को दुनिया भर में रोशन किया जा सके।
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