Saturday, 8 November 2014

हिमाचल से 60 हजार छात्र शिक्षित होकर निकल रहे हैं

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उद्योगों की हर जरूरत पूरी करेगा हिमाचल

NEWSशिमला— इन्वेस्टर मीट के दौरान कर्नाटक के निवेशकों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि औद्योगिक विस्तार को मजबूती देना अब सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने आईटी, ऊर्जा, शिक्षा व टूरिज्म पर आधारित बड़े निवेशकों को आश्वासन दिया कि हिमाचल में उन्हें हर सहूलियत दी जाएगी। उद्योग विभाग ने एक बड़ा लैंड बैंक विकसित किया है। प्रदेश में साल भर अतिरिक्त बिजली उपलब्ध रहती है। सड़क नेटवर्क मजबूत है। अन्य राज्यों की तुलना में गांव-गांव दूरसंचार नेटवर्क से जुड़ चुका है। उत्तरी क्षेत्र की बड़ी मार्केट प्रदेश के सीमांत इलाकों के नजदीक हैं, जो रेल से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल ने गत वर्षों में तरक्की की नई राहें तय की हैं। मौजूदा प्रचलित भावों के तहत यहां प्रति व्यक्ति आय 83899 आंकी गई है। साक्षरता दर 82.82 फीसदी है, जो इस क्षेत्र में सबसे ऊंची है। पूरे देश में शिक्षा के क्षेत्र में 1391 रुपए की दर से खर्च करने वाला हिमाचल पहला राज्य है। गुणवत्तायुक्त शिक्षा के तहत हर वर्ष हिमाचल से 60 हजार छात्र शिक्षित होकर निकल रहे हैं। लिहाजा उद्योगों के लिए शिक्षित युवाओं की भी यहां कमी नहीं है। स्वास्थ्य क्षेत्र का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में भी हिमाचल सर्वश्रेष्ठ राज्य है, जो 377 रुपए की दर से खर्च कर रहा है। उन्होंने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थतियों के बावजूद हिमाचल आधारभूत ढांचे को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि मनिपाल यूनिवर्सिटी प्रदेश में शिक्षण संस्थान खोलना चाहती है तो उसका स्वागत किया जाएगा। उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने निवेशकों को आश्वासन दिया कि उन्हें हिमाचल में हर संभव सहायता दी जाएगी। उन्होंने निवेशकों को रेनबैकसी की मिसाल दी, जिसकी देश में नौ इकाइयां हैं, जिनमें से पांच हिमाचल में ही हैं। उन्होंने कैडबरी, डाबर, नेस्ले व अन्य बड़े निवेशकों की भी मिसाल दी। उन्होंने कहा कि निवेशकों को सभी तरह की क्लीयरेंस 90 दिन के अंदर जुटाई जा रही है। उन्होंने कहा कि निवेशकों की दिक्कतों का  समाधान कर लिया गया है। यदि कोई निवेशक अपनी यूनिट बेचना चाहता है तो उसके लिए धारा-118 के नियमों में संशोधन किया गया है।
 योजना आयोग के विकल्प की जरूरत
कर्नाटक में इन्वेस्टर मीट के दौरान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने योजना आयोग के विकल्प पर बल देते हुए कहा कि अभी तक भी केंद्र सरकार ने इसे नहीं तलाशा है। नतीजतन राज्यों को वित्तीय आबंटन बीच राह रुक चुका है। वह जल्द ही केंद्र सरकार से आग्रह करेंगे कि इसका विकल्प जल्द तलाशा जाए। उन्होंने कहा कि शासन बदलने के बाद दिक्कतें आती हैं और यदि सरकारें पुरानी नीतियों व योजनाओं को बदलना चाहती हैं तो यह भी आवश्यक रहता है कि उनका विकल्प तत्काल जुटाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिकरण के बूते एक विकसित हिमाचल का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
ऊना के अग्निहोत्री लगाएंगे 250 करोड़
ऊना के कोमल अग्निहोत्री जीएमएस शिपिंग कंपनी चला रहे हैं। वह टाहलीवाल से हैं और अपनी ही जमीन पर फूड पार्क व एग्रो आधारित प्रोजेक्ट स्थापित करना चाहते हैं। राज्य सरकार ने उनके प्रस्ताव को सैद्धांतिक अनुमति भी दे दी है। कोमल अग्निहोत्री पूरे विश्व में 60 फीसदी समुद्री जहाजों की खरीद-फरोख्त का कार्य करते हैं। उन्होंने प्रदेश में 250 करोड़ के पूंजी निवेश की ऑफर दी है।

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