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मनरेगा घोटाले में पंचायत प्रधानों के खिलाफ कार्रवाई करें ः कोर्ट
अमर उजाला ब्यूरो
शिमला। मनरेगा के तहत राज्य में करोड़ों रुपये के दुरुपयोग पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मंगलवार को कड़ा रुख अपनाया। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में राज्य सरकार को स्पष्ट किया कि राज्य भर में मनरेगा के फंड का दुरुपयोग करने वाले ग्राम पंचायत प्रधानों और पंचायत अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। इसके लिए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के लिए तीन माह की समय सीमा निर्धारित की है।
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मंसूर अहमद मीर और जस्टिस त्रिलोक चौहान की दो सदस्यीय खंडपीठ ने मामले से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए एक आदेश जारी किए। याचिका विपिन कुमार ने दायर की थी।
हाईकोर्ट ने आदेश में स्पष्ट किया कि राज्य भर की ग्राम पंचायतों के प्रधानों और पंचायत अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी उसके समक्ष पेश की जाए। प्रार्थी विपिन कुमार ने याचिका में आरोप लगाया था कि राज्य भर की ग्राम पंचायतों के प्रधानों और पंचायत अधिकारियों ने मनरेगा के तहत करोड़ों रुपये के सार्वजनिक फंड का दुरुपयोग किया है। प्रार्थी ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी कि राज्य सरकार को आदेश दिए जाएं कि वे पंचायत के अधिकारियों और पदाधिकारियों से इस फंड की वसूली करें।
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