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रामजी की महिमा से ढालपुर निहाल
कुल्लू — कुल्लू के ऐतिहासिक ढालपुर मैदान में चल रही रामकथा से कुल्लू भी पूरी तरह से राममय हो गया है। सुबह ही प्रभु के तरानों से स्थानीय लोगों का मन-मन खिल रहा है। प्रख्यात कथा वाचन मुरारी जी बापू ने कहा कि भक्ति के साथ ही मोक्ष की प्राप्ति की जा सकती है। अगर व्यक्ति अपने गुरु को याद नहीं कर सकता है तो गुरु के द्वारा उसके लिए किए गए कार्यों को ही याद किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि … तेरे कर्म की आस लगाए, बैठे हैं दाम फैलाए….लोग प्रभु के कर्म को पाने की आस लगाकर दामन फैलाए बैठे हैं, लेकिन श्रीराम जी कृपा भी तभी होगी, जब लोग उनकी भक्ति को करेंगे। धर्म के रास्ते पर चलेंगे। मुरारी जी बापू ने कथा के बीच अपने ही अंदाज में चौपाइयों को गाकर समस्त कुल्लू के माहौल को भक्तिमय बना दिया है। उन्होंने कहा कि हमें श्रद्धा के साथ भक्ति को करना चाहिए। उससे व्यक्ति का मन भी शांत रहता है तथा वह अपने जीवन से भी संतुष्ट रहता है। उन्होंने कहा कि जब भगवान शंकर भी आराधना में बैठते थे तो फिर सब कुछ भूलकर वह एकाग्र होकर ध्यान लगाते थे। मनुष्य के लिए भी एकाग्रता जरूरी है। एकदम से किसी भी बात पर तुरंत प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए। इससे व्यक्ति को नुकसान भी हो सकता है।… निज करडासी नागरिपु छाला, शंकर सहज सरूप सम्हारा, लागी समाधि अखंड अपारा.। व्यक्ति को इस सांसारिक मोह-माय से ज्यादातर दूर ही रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुल्लू में ब्यास कुंड, ब्यास नदी के साथ-साथ ब्यास ऋषि जी का नाम कई जगहों पर आता है। आज 18 वनस्पतियों में एक का नाम ब्यास जी के नाम से भी आता है। इस मौके पर बाहरी राज्यों के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिए भी भंडारे का आयोजन किया गया।
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