Thursday, 26 June 2014

प्रदेश में साहित्य एवं संस्कृति प्रचार प्रसार एवं पुस्तक लेखन

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दस हजार मिले सहयोग राशि

आनी— प्रदेश में साहित्य एवं संस्कृति प्रचार प्रसार एवं पुस्तक लेखन में विभिन्न पंजीकृत संस्थाएं कार्य कर रही हैं। आर्थ गिल्डज साहित्यिक संस्था कुल्लू के अध्यक्ष जयदेव विद्रोही ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों कांगड़ा, चंबा, उना, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, शिमला, किन्नौर, लाहुल-स्पीति, मंडी, कुल्लू, सिरमौर जिलों की विभिन्न संस्थाएं भाषा एंव संस्कृति विभाग के साथ मिलकर कवि सम्मेलन, जनजातीय सम्मेलन आदि कार्यक्र्रम आयोजित करती हैं, जिसके लिए भाषा एवं संस्कृति विभाग हर संस्था का दो हजार रुपए आयेजन हेतु राशि प्रदान की जाती है। पिछले 20 सालों से सभी संस्थाओं को दो हजार राशि दी जा रही है, जोकि बहुत ही कम है। प्रदेश के लेखकों, साहित्यकारों ने सरकार से मांग की है कि इस राशि को दो हाजर से बढ़ाकर दस हजार किया जाए, ताकि कवि सम्मेलन आदि संगोष्ठीयों का संचालन सही तरीके से हो सके। कवियों को सम्मानजनक प्रोत्साहन राशि दी जानी चाहिए। अपनी मांगों के बारे में जिला कुल्लू के निरमंड, आनी बंजार, मनाली, कुल्लू में कार्यरत संस्थाओं ने संयुक्त बैठक का आयोजन देवसदन में किया है। इस संयुक्त बैठक में साहित्य परिषद कुल्लू के अध्यक्ष डा. सूरत ठाकुर,केहर सिंह ठाकुर, इंद्रदेव शास्त्री, ओम कुमार, शिवराज शर्मा, प्रोमिला ठाकुर, डा. सीताराम ठाकुर, मोलुराम ठाकुर, तेजराम नेगी आदि ने अपने-अपने विचार रखे। इस बैठक में भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक अरुण कुमार शर्मा शामिल हुए लेखक मंच कुल्लू ने लिखित मांगपत्र दिया। निदेशक ने मांगपत्र पर कहा कि हिमचल प्रदेश के 12 जिलों में विभिन्न संस्थाएं लेखक  रचनाकार, साहित्यकार काम कर रही है, जिन्हें सरकार द्वारा निर्धारित सहायता राशि ही दी जाती है, परंतु संस्थाओं को दी जाने वाली राशि व सहयोग राशि को बढ़ाना सरकार का काम है। हम इस मांगपत्र को सरकार के समक्ष रखेंगे, जिसमें संस्थाओं ने सहयोग राशि बढ़ाने की मांग की गई है।

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