Monday, 29 December 2014

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प्राथमिक स्कूलों ने मनाया क्लस्टर लेवल का समारोह
सात स्कूलों के 77 बच्चे किए सम्मानित

आनी  आनी खंड के च्वाई में सात स्कूलों का क्लस्टर स्तर का वार्षिक उत्सव एवं वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह रविवार को धूमधाम मनाया गया। इसमें मुख्यातिथि ने सात प्राथमिक स्कूल च्वाई, ठोगी, धोगी, गाड़, पनखड़, डूगा, बिश्लानी के 77 बच्चों को पुरस्कृत किया। कार्यक्रम में आनी विस क्षेत्र के विधायक खूब राम आनंद बतौर मुख्यातिथि शरीक हुए।
उन्होंने च्वाई स्कूल में सीआरसी कमरे और लड़कियों के लिए अलग शौचालय निर्माण का घोषणा की। ठोगी स्कूल में कीचन शेड की मरम्मत, गाड स्कूल भवन की मरम्मत, पनखड़ और डूगा स्कूल की चारदीवारी देने की घोषणा और धोगी स्कूल के कमरों की मरम्मत करने का आश्वासन दिया। इससे पूर्व च्वाई स्कूल के सीएचटी नरेश कुमार ने स्कूलों की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी और विभिन्न समस्याओं से विधायक को अवगत करवाया। वहीं सात स्कूलों के बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी। बच्चों ने हिमाचल की सैर, स्त्री शिक्षा के बारे में एकांकी के माध्यम से लोगों को जागरूक किया। इस दौरान च्वाई के प्रधान आत्माराम, बखनाओं की प्रधान शांति देवी, कृष्णलाल, संजीव सूद, रविंद्र, वीना, कांता और रीना आदि मौजूद रहे

तरक्की के लिए पर्यावरण का बलिदान

तरक्की के लिए पर्यावरण का बलिदान

कुल्लू के विकास की कहानी 1883 से शुरू होती है। यहां पर बाकायदा पोस्ट आफिस था और बंजार के पलाच और नग्गर में इसकी शाखाएं संचालित होने लगीं। सेब के किल्टों के जरिए डाक का आबंटन होता था। 1897 में कुल्लू और अमृतसर के बीच टेलीग्राम सेवा का आगाज हो गया। तीन अक्तूबर, 1959 को भुंतर एयरपोर्ट पर पहली बार जहाज उतरा। 800 और 500 मेगावाट की एनएचपीसी पार्वती चरण दो और तीन, 192 मेगावाट के एडी, 126 मेगावाट लारजी, 100 और 80 मेगावाट के मलाणा एक और दो के साथ ही दर्जन भर मिनी हाइडल प्रोजेक्ट प्रदेश की आर्थिकी का अहम हिस्सा तो बने हैं, लेकिन प्रोजेक्टों के लिए हो रहे अंधाधुंध अवैज्ञानिक खनन से वादी का पर्यावरण संतुलन लगातार बिगड़ता जा रहा है। हिमाचल के नंबर वन टूरिस्ट डेस्टिनेशन का गौरव हासिल होने के बावजूद मनाली में अंतरराष्ट्रीय स्तर की पर्यटक सुविधाएं जुटाने की ओर अब तक की किसी सरकार ने गंभीर प्रयास नहीं किए। तकनीकी कारणों से 44 सीटर एयरक्राफ्ट दिल्ली से 25 यात्री लेकर ही भुंतर एयरपोर्ट पर लैंडिंग करता आया है। सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया की सेवा कभी नियमित नहीं रही। इस पर हाल यह है कि दिल्ली से भुंतर के मुकाबले में दिल्ली से बैंकाक का हवाई सफर कहीं सस्ता पड़ता है। ब्यास की धारा में राफ्टिंग करने वाले सैलानी आए दिन हादसों का शिकार होकर जान गंवा रहे हैं। चंडीगढ़-मनाली एनएच-21 की दरअसल कुल्लू के प्रवेश द्वार बजौरा से आगे मनाली तक डिवेलपमेंट ही नहीं हो पाई है, वहीं कीरतपुर से लेकर गड़ामोड़ तक एनएच की बेहद खस्ता हालत सैलानियों को मुंह चिढ़ाती रही है। पतलीकूहल में एचपीएमसी का कोल्ड स्टोर महज सफेद हाथी बनकर रह गया है। चंडीगढ़ मनाली एनएच को फोर लेन बनाने का काम मंडी के नेरचौक से आगे न बढ़ पाना भी गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। एक सर्वेक्षण में तो मंडी से आगे मनाली तक फोरलेन की फिजिबिलिटी ही नहीं बन रही। मामले के जानकारों की मानें तो सर्वेक्षण में पंडोह से पनारसा तक लंबी टै्रफिक टनल बनाना बेहद खर्चीला प्रोजेक्ट है, लिहाजा फोरलेन के भविष्य को लेकर कई तरह की शंकाएं भी अब जन्म लेने लगी हैं। हालांकि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के दावों पर यकीन किया जाए तो कुल्लू से मनाली तथा लेफ्ट बैंक से होकर फोरलेन (दोनों तरफ टू लेन) का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी स्पष्ट तौर पर इस बारे संकेत दे चुके हैं।
स्की विलेज-हेलि स्कीइंग सपना
मनाली में विदेशी निवेश वाले प्रस्तावित स्की विलेज की स्थापना का मसला राजनीतिक पालने में झूलता आ रहा है तो हेलि स्कीइंग की योजना भी महज सपना भर बनकर रह गई है। मनाली से पलचान तथा कुल्लू से बिजली महादेव के लिए बनने वाले रोप-वे कागजी फाइलों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। राष्ट्रीय महत्त्व का स्मारक घोषित मनाली के ढुंगरी स्थित देवी हिडिंबा मंदिर के विकास की कंकरीट योजना के  सिरे चढ़ने का भी अभी इंतजार ही है।
मनु की नगरी में नैनीताल से ज्यादा प्रदूषण
पिछले कुछ समय से हाइडल प्रोजेक्टों के हब के रूप में उभरी कुल्लू घाटी को अब बिगड़ते प्रदूषण से इसकी कीमत भी चुकानी पड़ रही है। हालिया वैज्ञानिक सर्वेक्षण में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि नैनीताल के मुकाबले में मनु की नगरी कहीं ज्यादा प्रदूषित हो गई है। अठखेलियां करती नदियों और झरनों-नालों का पानी बेशक सोना साबित होने लगा है

1883 से तरक्की के लंबे डग भरते हुए यह जिलाकुल्लू

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क्या खोया क्या पाया

अनूठी परंपराओं और देव आस्था का प्रतीक कुल्लू विश्व में खूबसूरत पहचान बनाए हुए है। सेब और पर्यटन के दम पर 1883 से तरक्की के लंबे डग भरते हुए यह जिला ऊर्जा क्षेत्र में भी कहीं आगे है। सबको अपनी सुंदरता से रिझाने वाला यह जिला अब नए पर्यटन स्थलों के साथ हवाई सेवा में भी नजर-ए-इनायत चाहता है, जबकि स्की विलेज और रोहतांग टनल को जल्द हकीकत में उतरता देखने की भी हसरत पाले हुए है…
सदियों से अक्षरशः चली आ रही अनूठी रिवायतों, तीज-त्योहारों और देवों के प्रभुत्व वाले कुल्लू यानी कुलूत की समृद्ध देव संस्कृति के बिना कल्पना भी नहीं की जा सकती। जो भी नैसर्गिंक नजारों वाली इस वादी में आया, वह यहीं का होकर रह गया। भारतीय राजनीति के पुरोधा प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू हों या फिर कवि ह्दय अटल बिहारी वाजपेयी… सभी को कुल्लू भा गया।
रूस के महान चित्रकार प्रो. निकोलस रौरिक, रजतपट की महारानी देविका रानी के साथ और भी बहुत सी ऐसी नामचीन शख्सियतें रही हैं…जिनका घाटी के साथ अटूट संबंध रहा है। चीनी यात्री ह्यूनसांग अपने यात्रा वृत्तांत में खास तौर पर कुलूत का जिक्र करते हुए इसे महिमामंडित करना नहीं भूले हैं। वहीं द्वितीय शताब्दी के एक सिक्के पर अंकित कोलूतस्य वीरयश्सय…के आधार पर भी प्राचीनकाल में कुल्लू के स्वतंत्र देश और इसकी अपनी करंसी होने के प्रमाण मिले हैं। पौराणिक कथाओं में विहंगमणिपाल के कुल्लू राजवंश का प्रथम शासक होने का उल्लेख मिलता है। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में कुल्लू के प्रताप सिंह के बलिदान को भला कौन भूल पाया है।
तीन अगस्त, 1857 को धर्मशाला के परेड ग्राउंड में प्रताप सिंह को सरेआम फांसी पर लटका दिया गया। आजादी के बाद की बात करें तो साठ के दशक में अविभाजित पंजाब के पहाड़ी भू-भाग कुल्लू और कांगड़ा आदि के हिमाचल में विलय में कुल्लवी संस्कृति के पुरोधा स्वर्गीय लालचंद्र प्रार्थी के योगदान को भी कभी भुलाया नहीं जा सकता। दरअसल, अपने गठन से लेकर कई उतार-चढ़ाव देखने वाला कुल्लू जिला राजनीति के विविध रंगों से सराबोर होकर गुजरा है।
कुल्लू राजपरिवार से ताल्लुक रखने वाले महेंद्र सिंह बंजार विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े पर जीत न सके। हालांकि महेंद्र सिंह के दोनों पुत्रों महेश्वर सिंह और कर्ण सिंह सियासत के खेल में खुद को मंझे हुए खिलाड़ी साबित करने में काफी हद तक कामयाब रहे हैं। इत्तेफाक ऐसा है कि तीन दशकों से अधिक समय तक भाजपा में रहने और प्रदेश की राजनीति के केंद्र में रहने के बाद पिछले विधानसभा चुनाव में महेश्वर और कर्ण की जोड़ी एक साथ विधानसभा में धमाकेदार एंट्री करने में कामयाब रही है।
स्थानीय राजनीति की चर्चा बंजार के पहले विधायक दिलेराम शबाब, अपनी सादगी के लिए मशहूर पूर्व मंत्री स्वर्गीय राजकृष्ण गौड़, पूर्व मंत्री स्वर्गीय ठाकुर कुंज लाल तथा पूर्व मंत्री सत्य प्रकाश ठाकुर का जिक्र किए बिना अधूरी ही रहेगी। आरक्षित हलके आनी से रिकार्ड सात बार चुनाव जीतने वाले कांग्रेस नेता ईश्वर दास, बंजार से दो बार विधायक और कैबिनेट मंत्री रहे पंडित खीमीराम शर्मा, मनाली के वर्तमान भाजपा विधायक गोबिंद ठाकुर, आनी से कांग्रेस विधायक खूबराम आनंद तथा कांग्रेस से अंदर बाहर होते रहे धुरंधर धर्मवीर धामी भी अकसर सुर्खियों में बने रहते आए हैं।
2012 के चुनाव में मनाली के रूप में कुल्लू जिला को चौथा हलका मिलने के बावजूद सियासी तौर पर झोली खाली ही चली है। यह भी कम हैरतअंगेज नहीं कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पसंद के बावजूद अब बंजार से कांग्रेस विधायक कर्ण सिंह की कैबिनेट में ताजपोशी का इंतजार लंबा हो चला है। उधर, शहर के गांधीनगर में सपनों का आशियाना सजाने वाले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा कुल्लूवासियों के लिए इस रूप में बड़ी उम्मीद जगा रहे हैं।
बुनकरों के लिए योजनाओं की जरूरत
करीब 25 करोड़ रुपए के सालाना टर्न ओवर वाली भुट्टी वीवर्स को-आपरेटिव सोसायटी (भुट्टिको) के महाप्रबंधक रमेश ठाकुर कहते हैं कि सहकारिता आंदोलन का नारा बुलंद करने में कुल्लू के बुनकरों का बड़ा योगदान रहा है। हथकरघा उद्योग को प्रोमोट करने के लिए सरकार को ठोस योजनाएं धरातल पर उतारनी होंगी। बुनकरों के उत्थान के लिए नए प्रोजेक्टों की सख्त जरूरत है। छोटे बुनकरों के ऋण माफ करने पर सरकार को गंभीरता से विचार करना होगा।
जिला में नए पर्यटन स्थल खोले जाएं
मनाली होटलियर एसोसिएशन के अध्यक्ष अनूप ठाकुर के मुताबिक जब तक कुल्लू-मनाली के नए टूरिस्ट डेस्टिनेशंज नहीं खोले जाते हैं, घाटी के  पर्यटन व्यवसाय के विकास की बात बेमानी होगी। मनाली में सैलानियों के पास फिलहाल रोहतांग पास का ही विकल्प है। जबकि अनछुए पर्यटक स्थलों भृगु लेक एरिया, हामटा पास, चंद्रखणी जोत, लामा डुग एरिया और रानी सूई लेक आदि को पर्यटकों के लिए खोलने में अब सरकार को देर नहीं करनी चाहिए।
कर्ज माफ हो
घाटी के प्रगतिशील बागबान नकुल खुल्लर कहते हैं कि सिंचाई के पर्याप्त बंदोबस्त के साथ ही सड़कों की हालत सुधारने की तरफ ध्यान दिया जाए, ताकि सेब और अन्य फसलों को समय पर मंडियों तक पहुंचाया जा सके। फर्टिलाइजर और कीटनाशक दवाइयों, स्प्रे तथा कार्टन्स में अनुदान को बढ़ाकर बागबानों को राहत दी जाए। छोटे बागबानों के ऋण माफ कर उन्हें बागबानी व्यवसाय में बने रहने का हौसला देना होगा।
जल ऊर्जा में जनसहयोग चाहिए
पार्वती चरण तीन हाइडल प्रोजेक्ट के महाप्रबंधक सत्यदेव प्रसाद सिन्हा कहते हैं कि प्रोजेक्टों के निर्माण के दौरान आए दिन के मजदूर आंदोलनों से कार्य प्रभावित होने से करोड़ों रुपए का नुकसान होने के साथ ही निर्माण लक्ष्य आगे खिसक जाता है। परियोजनाओं के निर्माण में जनसहयोग सबसे ज्यादा जरूरी है। जल ऊर्जा के दोहन से ही कुल्लू घाटी की तकदीर बदली जा सकती है।
घाटी की ओर ध्यान दे सरकार
कुल्लू के वरिष्ठ नेता धर्मवीर धामी कहते हैं कि सेब और पर्यटन ही घाटी की आर्थिकी का आधार हैं। सड़कों की दयनीय हालत किसी से छिपी नहीं है।  कुल्लू-मनाली में अंतरराष्ट्रीय स्तर की पर्यटन सुविधाओं की तरफ जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो इलाका पिछड़ जाएगा। भुंतर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का मसला 1980 से लटका है। सरकारी उदासीनता के चलते ही प्रदेश का नंबर वन टूरिस्ट डेस्टिनेशंज मनाली अपेक्षित विकास से महरूम है।
सेब
सेब और पर्यटन कुल्लू घाटी की आर्थिकी की रीढ़ रही है। घाटी के करीब 23200 हेक्टेयर में लगे सेब के बागीचों से 50 हजार से अधिक परिवार रोजगार कमा रहे हैं। औसतन डेढ़ से दो लाख मीट्रिक टन सेब की यहां पैदावार हो रही है, जिससे 600 से 700 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाया जाता है। यहां के सेब को देश भर की मंडियों में भिजवाने के लिए 20 हजार से अधिक ट्रकों की जरूरत पड़ती है। वर्ष 1870 में घाटी में सबसे पहले अंग्रेज अधिकारी कप्तान ली ने सेब का पहला बागीचा लगाया था।
पर्यटन
पर्यटन का आधारभूत ढांचा विकसित न होने के बावजूद सालाना 25 से 30 लाख देशी-विदेशी पर्यटक कुल्लू की नैसर्गिंक सैरगाहों का रुख करते हैं। पर्यटन नगरी मनाली में ही करीब 1200 छोटे बड़े होटल चल रहे हैं, इनमें से करीब 750 होटल सरकार से पंजीकृत हैं। एक अनुमान के तहत कुल्लू-मनाली की होटल इंड्रस्टी से सालाना 75 करोड़ से एक अरब रुपए का टर्न ओवर मिल रहा है।
जल संसाधन
ऊर्जा विभाग और हिम ऊर्जा विभाग के आंकड़ों के मुताबिक घाटी में 180 छोटी बड़ी बिजली परियोजनाएं चिन्हित की जा चुकी हैं, जिनकी क्षमता 4050 मेगावाट के आसपास है। घाटी में हिम ऊर्जा विभाग की तरफ से पांच मेगावाट तक के करीब 150 प्रोजेक्ट आबंटित किए गए हैं। 192 मेगावाट का एलाइन दुहांगन प्रोजेक्ट, मलाणा प्रथम 86 मेगावाट, मलाणा चरण दो 100 मेगावाट, 520 मेगावाट का पार्वती चरण तीन, 10 मेगावाट का तोष, 10 मेगावाट का ब्यास कुंड प्रोजेक्ट चालू हो चुका है।
मत्स्य
कुल्लू घाटी में करीब 100 टन ट्राउट मछली का उत्पादन किया जा रहा है। 60 निजी ट्राउट पालक 230 रेसवेज में ट्राउट उत्पादित कर सालाना लाखों रुपए कमा रहे हैं।
चीनी यात्री ह्यूनसांग ने किया कुल्लूत का जिक्र
चीनी यात्री ह्यूनसांग अपने यात्रा वृतांत्त में खास तौर पर कुल्लूत का जिक्र करते हुए इसे महिमामंडित करना नहीं भूले हैं। वहीं द्वितीय शताब्दी के एक सिक्के पर अंकित कोलूतस्य वीरयश्सय…के आधार पर भी प्राचीनकाल में कुल्लू के स्वतंत्र देश और इसकी अपनी करंसी होने के प्रमाण मिले हैं।
सूत्रधार : सत्य महेश शर्मा

छह महीने से प्यासे मिउन के ग्रामीण

छह महीने से प्यासे मिउन के ग्रामीण

आनी —  आनी का दूरदराज पंचायत टकरासी के गांव मिउन में छह महीनों से पीने का पानी की समस्या से गांववासी हर रोज परेशानी झेल रहे हैं। गांव मिउन के निवासी भूषण, रूपदासी, कलावती, अनिता, प्रकाश, टिकमराम ने बताया कि गांव में पानी की सप्लाई पिछले छह महीनों से सुचारू रूप से नहीं आ रही है, जिससे गांववासियों को हर रोज भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने बताया कि इस बारे में सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग को भी लिखित शिकायत की गई थी, परंतु इस बारे में विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे ग्रामीणों में रोष पनप गया है, इस माह में पानी की समस्या बढ़ गई है। क्योकि राजकिय प्राथमिक पाठशाला कलांगी में पीने के पानी को स्टोर टैंक बनाया गया है जो कि खराब व टूटा हुआ है। ग्रामीणों ने विभाग से मांग की है कि स्कूल के टैंक को ठीक किया जाए।  इस बारे में सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग आनी के एसडीओ सेसराम आजाद ने कहा कि गांववासी मिउन के लोगों की शिकायत मिली है कि गांव व स्कूल में पानी के टैंक को ठीक करने के आदेश दे दिए गए हैं और गांव के लिए पीने के पानी को सुचारू रूप से चलाया जाएगा।

ज्यादा किराया देकर पहुंच रहे कुल्लू

ज्यादा किराया देकर पहुंच रहे कुल्लू

आनी —  आनी 15 दिनों से भारी बर्फबारी से जिला मुख्यालय कुल्लू जाने वाला मुख्य मार्ग एनएच305 सड़क यातायात के लिए बंद है, जिसे विभाग ने जलोड़ी पास तक छोटे वाहनों के लिए बहाल कर दिया है, परंतु आनी मुख्यालय से बसे नहीं चल पाई हैं, जिस कारण रविवार को कुल्लू जाने वाले यात्रियों ने महंगी टैक्सी करके जलोड़ी पास तक का सफर पूरा किया। कुल्लू जाने वाले यात्री सीताराम कौशल, गोकलचंद, किशोरीलाल, दलीप कुमार ने बताया कि आनी मुख्यालय से जलोडी पास के लिए बसें न चलने की वजह से यात्रियों को मजबूरण ज्यादा किराया देकर टैक्सियों में जाना पड़ा। यात्रियों ने बताया कि जलोड़ी पास से पैदल चलकर और फिर से महंगी टैक्सी से बंजार व कुल्लू तक का सफर करना पड़ा है। इस तरह से आउटर सिराज क्षेत्र की जनता को जिला मुख्यालय जाने के लिए टैक्सियों में जाना पड़ रहा है। आउटर सिराज सोशल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रभारी यशर्वधन शर्मा,मंगतराम ने सरकार से मांग की है कि आनी से जलोड़ी पास तक प्रात 10 बजे बस चलाई जाए, ताकि जनता को कुल्लू आने जाने में सुविधा मिल सके। इस बारे में हिमाचल पथ परिवहन निगम अड्डा प्रभारी टीसी वर्मा ने बताया कि बसों की कमी है, जिस कारण बसे जलोड़ी पास तक नहीं भेजी जा रही हैं, उन्होंने कहा कि कुल्लू बस डिपो इस रूट पर बसे चला सकता है, इसलिए कुल्लू निगम अधिकारी से मांग की जाएगी। एनएच305 आनी कार्यलय के अधिकारी डीएस सिंह ने कहा कि विभाग ने जलोड़ी पास तक बस योग्य सड़क बहाल कर दी है, बसें चलाना निगम का काम है

Friday, 26 December 2014

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CM launches IPR mobile app

CM launches IPR mobile app

newsShimla - On completion of two years of the present government, Chief Minister, Virbhadra Singh today launched a new Mobile Application (app) for accessing press releases and News Photographs from the website, http://www.himachalpr.gov.in of Public Relations Department on android mobile phones. The application can be downloaded on the mobiles from the website of the department free of cost. The press releases and news photographs once browsed through this app will remain available on the mobile and can be accessed even if the mobile is in offline mode. The app is developed by National Informatics Centre (NIC) and IT Department for the mobile users having android operating system is of great use for the people in general and for the media as a whole and can also be accessed even if the mobile is in offline mode.
As the mobile users have increased with the passage of the time, the app could be accessed from anywhere on the mobiles without help of laptops or desktops. Chief Minister also released two years booklet highlighting the development taken place in the State in the regime of present Government. A developmental documentary was also released by the Chief Minister on the occasion. Chief Minister lauded the efforts of the department for maintaining pace with the latest techniques and said that in the present era of modernization and technology one has to keep himself updated with latest advancements which can contribute towards better communication and achieving the development goals

अटल बिहारी के जन्मदिवस पर बांटा हलवा

अटल बिहारी के जन्मदिवस पर बांटा हलवा

आनी —  देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहरी वाजपेयी के जन्मदिवस तथा सरकार द्वारा हाल ही में उन्हें भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किए जाने की घोषणा। देश के दो राज्यों में हॉल में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को मिली ऐतिहासिक जीत की खुशी पर गुरुवार को आनी उपमंडल मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं ने फटाखे फोड तथा सर्वसाधारण में हलवा बांटकर खूब खुशियां मनाई। कार्यकर्ताओं ने इस मौके पर आनी बाजार में एक विजय रैली निकालकर वाजपेयी जिंदावाद और भाजपा जिंदाबाद के नारे लगाए। बैठक में गंगाराम चंदेल, अमर ठाकुर, किशोरी लाल सागर, जीवन ठाकुर,लगनेश वर्मा, अन्नु ठाकुर, नूर दास ठाकुर, महामंत्री दुनी चंद, हिम्मत ठाकुर,योगेश वर्मा, प्रीतम सागर, सत्येंद्र शर्मा, मदन लाल, बीरबल ठाकुर,टीडी शाह, तिलक राज शर्मा, गुलाव ठाकुर सहित पार्टी के अन्य कई सदस्य मौजूद रहे।

बहन की खातिर तेंदुए से भिड़ी युवती

बहन की खातिर तेंदुए से भिड़ी युवती

आनी —  जिला कुल्लू के आनी खंड में लुहरी आनी सड़क पर निमला नाला के पास गुरुवार को घास लेने गई युवतियों तेंदुआ झपट पड़ा। मगर बड़ी बहन ने छोटी को बचाने के लिए तेंदुए से जान की बाजी लड़ा दी। आखिर शोर सुनकर जब ग्रामीण पहुंचे तब तक युवती ने अपनी छोटी बहन को तेंदुए के चंगुल से छुड़ा लिया था। फिलहाल घायल युवती आनी अस्पताल में उपचाराधीन है। जानकारी के अनुसार गुरुवार प्रातः आठ बजे तलूणा पंचायत के स्वीण गांव की अल्पसंख्यक समुदाय की दो युवतियां अपने मवेशियों को घास लेने के लिए नजदीकी निमला नाला में गई थीं। इसी बीच प्रातः करीब साढे़ आठ बजे घास काटते समय तेंदुए ने नजीरा (16) अचानक हमला बोला और उसकी टांगों को बुरी तरह से जख्मी कर डाला। नजीरा के चीखने चिल्लाने पर दूसरी ओर घास काट रही उसकी बहन गफूरा ने ज्यों ही उसकी ओर नजर घुमाई तो देखा कि तेंदुआ ने उसकी छोटी बहन पर हमला बोल दिया है, गफूरा ने बिना कुछ और सोचे तेंदुआ पर फौरन पत्थर मारे और चिल्लाकर लोगों को सहायता के लिए बुलाया, तभी तेंदुआ युवती को जख्मी कर भाग खड़ा हुआ। गफूरा ने अपनी छोटी बहन नजीरा को तेंदुआ के चंगुल से छुड़ाकर बहादुरी का परिचय दिया। नजीरा ने अपने परिजनों को बुलाकर जख्मी नजीरा को फौरन आनी अस्पताल पहुंचाकर दाखिल किया,जहां ने चिकित्सकों ने उपचार किया। अस्पताल के चिकित्सक डा. सुशील ने बताया कि तेंदुआ के हमले से जख्मी हुई युवती की दोनों टांगों में गहरे जख्म किए हैं,जिनका उपचार कर उसे अस्पताल में दाखिल किया गया है। उधर, इस बारे में वनमंडलाधिकारी लुहरी आरके भल्ला ने बताया कि आदमखोर जानवरों को पकड़ने के लिए विभाग ने कई स्थानों पर पिंजरे लगाए हुए हैं। गुरुवार को निमला नाला के पास तेंदुआ के हमले से जख्मी युवती को उचित सहायता दी जाएगी।

Wednesday, 17 December 2014

जिलास्तरीय आनी मेला 7 मई 2015 से 10 मई 2014

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जिलास्तरीय आनी मेला 7 मई 2015 से 10 मई 2014
आनी मेले का इतिहास
 हिमाचल प्रदेश के विभिन्न भागों में मनाए जाने वाले मेले और लोक उत्सव हमारी समृद्ध संस्कृति की पहचान हैं। ये मेले और उत्सव हमारी इस समृद्ध लोक संस्कृति को संजोये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। आनी का जिला स्तरीय मेला भी आउटर सिराज क्षेत्र का प्रमुख लोक उत्सव है, जो प्रतिवर्ष बैसाख के 25 प्रविष्टे से शुरू होता है। चार दिन तक चलने वाला यह लोकनृत्य उत्सव हमें आउटर सिराज की लोकसंस्कृति के संपूर्ण दर्शन कराता है।
  आनी पूर्व समय से ही एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है जहां सांगरी रियासत के तत्कालीन राजा ने तथा उसके बाद उनके पुत्र राजा रघुवीर सिंह ने भी कई सालों तक शासन किया। आनी मेले से संबंधित एक महत्वपूर्ण कहानी जुड़ी हुई है। बुजुर्गों के अनुसार राजा हीरा सिंह के शासनकाल में भयंकर सूखा और अकाल पड़ा। सैकडो लोग गंभीर बीमारी की चपेट में आ गए। जनता में त्राहि-त्राहि मच गई। पीडि़त लोगों ने राजा हीरा सिंह के दरवार में गुहार लगाई। विद्वानों से विचार-विमर्श के बाद राजा को लगा कि उन्हें क्षेत्र के बडे देवता शमशरी महादेव की शरण में जाना चाहिए। तब राजा ने भूखे पेट व नंगे पांव चलकर शमशरी महादेव के मंदिर में हाजिरी भरी और आनी क्षेत्र की जनता के लिए गुहार लगाई।
  राजा ने यह संकल्प भी लिया कि जब तक शमशरी महादेव उनकी फरियाद नहीं सुनेंगे वह अन्न जल ग्रहण नही करेंगे। आखिर राजा के इस प्रण से देवता प्रसन्न हो गए और क्षेत्र में भारी बारिश हुई। इसके साथ ही क्षेत्र में सूखा, अकाल और बीमारी समाप्त हो गई। पूरा इलाका अन्न-धन से परिपूर्ण हो गया। राजा ने प्रसन्न हो कर देवता शमशरी महादेव को अपने बेहड़े में स्थान दिया। उसी याद में 25 बैसाख को आनी मेले की शुरूआत की गई। तब से लेकर यह  मेला हर साल धूमधाम से आयोजित किया जा रहा है। 

SHRIKHAND MAHADEV YATRA 2015

SHRIKHAND MAHADEV YATRA 2015

15 july 2015 to 15 august 2015
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SHIVRAJ SHARMA 9418081247  CHAVINDER SHARMA 9418131366 CHAMAN SHARMA 9816005456
 ABOUT SHRIKHAND MAHADEV
    When after fulfilling Bhasmasur's wish, Lord Shiva got into trouble, then Lord Shiva sat in Samadhi in 50 Feet Stone Shivling at 16 thousand 900 feet above see level. Lord Vishnu burned Bhasmasur by taking the form of a dancing woman, But to break the Samadhi of Lord shiva, Maa Parvati filled Nainsar Lake by her tears, When She did his long Akhand Upasana, Lord Shiva came out after breaking 50 feet stone Shivling from then onwards this Parvat is known as Shri Khand Kailash.

Lord Shiva stay many place like our hearts, Shrikhand peak is one of such place where it is considered that Shiva reside themselves. Shrikhand Mahadev is a pilgrimage place for Hindus. Shrikhand Mahadev is considered to be the abode of Lord Shiva. Its peak is 5155 meters high from main sea level. So it is a place of great attraction for the religious people as well as for climbers and trekkers. It is part of the Great Himalaya National Park (Kullu-Shimla, Himachal Pradesh, India) where the forests and the high altitude meadows are protected and can display their aesthetic beauty. Shrikhand Mahadev peak resembles the Shivaling. Numerous Lord Shiva devotees undertake the difficult trek to the mountain during the main pilgrimage season (July – August). At the top of the mountain there is a small shrine of Lord Shiva.

In the way of Shrikhand Mahadev peak few glaciers also have to be crossed before reaching the majestic peak of Shrikhand. But the difficult trek is not keeping Lord Shiva devotees away. Shrikhand peak is getting more and more visitors. It is usually undertaken to coincide with the Ashada Poornima (full moon day in June or July) as per the Hindu Vikram calendar. It continues till the Purnima of Ashwani month (full moon day of September or October).It is believed that Lord Shiva mediated here. It is also believed that the Pandavas used to visit the peak.


This pilgrimage is surely not for the weak because at times a trekker needs all the skills of an expert mountaineer. The initial phase of the journey passes through beautiful mist-laden forests filled with beautiful flowers and huge trees.Then the journey enters the difficult Himalayan terrain and it takes around seven to eight days and depends on the devotee’s stamina and climate conditions. This trek needs little experience of trekking.

Calendar for year 2015 (India)Gazetted Holidays for the year 2015 are





Gazetted Holidays for the year 2015 are
Statehood Day on 25th January,
Republic Day on 26th January,
Guru Ravidas’s Birthday on 3rd February,
Maha Shivratri on 17th February,
Holi on 6th March,
Ram Navami on 28th March,
Good Friday on 3rd April,
Dr. B.R. Ambekar’s Birthday 14th April,
Himachal Day on 15th April,
Parshu Ram Jayanti on 20th April,
Budha Purnima 4th May,
Maharana Pratap Jayanti on 20th May,
Sant Guru Kabir Jayanti (Prakat Diwas) on 2nd June,
Idu’l Fitr on 18th July,
Independence Day on 15th August,
Janamashtami on 5th September,
Idu’l Zuha (Bakrid) on 25th September,
Mahatma Gandhi’s Birthday on 2nd October,
Dussehra on 22nd October,
Muharram on 24th October,

Maharishi Valmiki’s Birthday on 27th October

Calendar for year 2015 (India)Gazetted Holidays for the year 2015 are





Gazetted Holidays for the year 2015 are
Statehood Day on 25th January,
Republic Day on 26th January,
Guru Ravidas’s Birthday on 3rd February,
Maha Shivratri on 17th February,
Holi on 6th March,
Ram Navami on 28th March,
Good Friday on 3rd April,
Dr. B.R. Ambekar’s Birthday 14th April,
Himachal Day on 15th April,
Parshu Ram Jayanti on 20th April,
Budha Purnima 4th May,
Maharana Pratap Jayanti on 20th May,
Sant Guru Kabir Jayanti (Prakat Diwas) on 2nd June,
Idu’l Fitr on 18th July,
Independence Day on 15th August,
Janamashtami on 5th September,
Idu’l Zuha (Bakrid) on 25th September,
Mahatma Gandhi’s Birthday on 2nd October,
Dussehra on 22nd October,
Muharram on 24th October,

Maharishi Valmiki’s Birthday on 27th October

Calendar for year 2015 (India)

Calendar for year 2015 (India)

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