एनएच 305 पर सफर खतरनाक
97 में से 56 किलोमीटर सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे
कुल्लू। 97 किलोमीटर लंबे नेशनल हाइवे 305 पर वाहन चलाना किसी खतरे से खाली नहीं है। औट-सैंज हाइवे के करीब 56 किलोमीटर सड़क के हर दस मीटर दायरे में गड्ढे ही गड्ढे होने से यात्री हिचकोले खाने को मजबूर हैं। इस मार्ग पर बसों समेत अन्य वाहनों में सफर करना खतरनाक हो गया है।
हाइवे पर जगह-जगह गड्ढे होने से मुसाफिरों को खासी परेशानी हो रही है। वाहनों के हिचकोले खाने से एक स्वस्थ व्यक्ति भी बीमार हो जाता है। 97 किलोमीटर लंबी इस सड़क को तय करने में निगम की बसों को सात घंटे का समय लग जाता है। मार्ग के हर दस फुट की दूरी पर गड्ढे पड़े हुए हैं। खासकर घियागी से सैंज तक मार्ग की हालात काफ ी खस्ता बनी हुई है। दलीप सिंह, शेर सिंह, आलम चंद, बालक राम, अनिल कुमार तथा मनोहर लाल ने कहा कि सड़क को देखकर ऐसा लगता है कि सड़क की एक बार भी टारिंग नहीं हुई है। 1923 को अंग्रेजों के शासनकाल में बना यह मार्ग 91 साल बाद भी वैसी ही है। उन्होंने कहा कि मार्ग नेशनल हाइवे अथॉरिटी के अधीन आने से अब उन्हें उम्मीद है कि खस्ताहाल सड़क की तस्वीर बदलेगी। पूर्व में इस सड़क के रखरखाव को लेकर स्थानीय नेताओं सहित प्रदेश में सत्तासीन रही सरकारों ने कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए हैं। नेशनल हाइवे 305 जहां आउटर सराज की सवा लाख आबादी को जिला मुख्यालय से जोड़ता है तो वहीं यह मार्ग पर्यटन की दृष्टि के भी महत्वपूर्ण है। उधर, हाइवे 305 के अधिशासी अभियंता पासंग नेगी ने बताया कि सड़क की सोलिंग और टारिंग का कार्य मार्च माह से शुरू होगा।
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