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आऊटर सिराज के प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल
हिमाचल प्रदेश देवभूमि का जिला कुल्लू पुरी दुनिया में देव संस्कृति एंव धार्मिक पर्यटन के रूप में विख्यात है।जिला कुल्लू का आऊटर सिराज क्षेत्र जिसमें आनी निरमण्ड की 58 ग्रंाम पंचायतों के देवी देवताऔं के मन्दिर व प्राचीन एंव ऐतिहासिक धार्मिक गांव रमणीक स्थल देखने एंव दर्शन करने के लिए हर पर्यटक एंव श्रद्वालुऔं को आर्कषित करते है। आऊटर सिराज का प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल जो कि अब उतर भारत की धार्मिक यात्रा का केन्द्र बन गया है श्रीखण्ड महादेव कैलाश यात्रा जिसमें हर साल सैकडों श्रद्वालु भारत के हर राज्य से शामिल होते है।श्रीखण्ड महादेव कैलाश यात्रा को धार्मिक पर्यटन स्थल बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने ट्रस्ट बनाया है जिसमें डीसी कुल्लू को चेयरमेन बनाया गया है एसडीएम आनी,तहसीलदार निरमण्ड,डीएसपी आनी,श्रीखण्ड सेवादल समिति सहित की अगुवाई में श्रीखण्ड महादेव कैलाश यात्रा के हर पडाव को सुन्दर एंव आर्कषक बनाने का जिम्मा सौंपा गया है। श्रीखण्ड महादेव कैलाश यात्रा में सबसे अहम भूमिका श्रीखण्ड सेवा समिति अरसू व हमीरपुर के सदस्य निभाते है सेवा समिति के अध्यक्ष गोविन्दप्रसाद शर्मा ने जानकारी दी की श्रीखण्ड महादेव कैलाश यात्रा में 20 सालों से हर पडाव में आम श्रद्वालुऔं के लिए भण्डारे एंव ठहरने की सुविधा की जाती है जिसमें श्रीखण्ड महादेव कैलाश यात्रा के पहले पडाव सिहंगाड से लेकर थाचडु,कालीघाटी,भीमडवारी,पार्वतीबाग तक सेवा समिति के सदस्य हर श्रद्वालु की सहायता भी करते है। श्रीखण्ड महादेव कैलाश यात्रा हर साल 15 जुलाई से 30 जुलाई तक आयेाजित की जाती है। पुरे देश के श्रद्वालु जुलाई से सितम्बर तक बिना प्रशासन की सहायता से यात्रा करते है। श्रीखण्ड सेवा समिति के संचालक गोविन्द शर्मा ने बताया कि 20 सालों में पुरे भारत के 28 राज्यों के 3 लाख से अधिक श्रद्वालु दर्शन कर चुके है। श्रीखण्ड महादेव कैलाश यात्रा में हर साल धार्मिक श्रद्वालुऔं व पर्यटको की संख्या बढ रही है।ं आऊटर सिराज क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थलों में आनी मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूरी पर राष्ट्रीय र्माग 305 औट लुहरी पर गांव शमशर में स्थित शमशरी महादेव मन्दिर है। यह महादेव मन्दिर दो हजार साल पुराना है शमशरी महादेव की प्राचीन देव कोठीयां गावं शमशर व गावं धोगी,कराणा,में है देवता शमशरी महादेव के सानिध्य में हर साल जिलास्तरीय आनी मेला 7 मई से 10 मई तक मनाया जाता है। इस मेलें में आनी क्षेत्र के प्रमुख देवी देवता जिसमें देवता पनेवीनाग,देहुरीनाग,विनणी महादेव,व्यास ऋषि,कुलक्षेत्र महादेव,विगुंलीनाग,कुईकाण्डा नाग,कोट भझारी,सहित क्षेत्र के सैकडों लोग शमिल होते है। आऊटर सिराज क्षेत्र के प्रमुख र्धािमक पर्यटन स्थलों में च्वाई,दलाश,कराणा,खणाग,टकरासी,बागासराहण,सबसे सुन्दर गावं एंव सैरगाह बन गई है इन स्थलों पर पुरे भारत से लोग अपनी छुटीयंा बीताने आते है जहां पर भीडभाड की दुनिया से दूर आराम व मन की शान्ती मिलती है इन पर्यटन स्थलों के विकास के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार भी काम कर रही है। सरेऊलसर झील एंव देवी माता बुढीनागिन की तपोस्थली की अपनी पहचान है सरेऊलसर झील आनी व बन्जार क्षेत्र के देवी देवताऔं की पवित्र स्थली है इस झील में क्षेत्र के देवी देवता हर साल विभिन्न धार्मिक उत्सवों र्पवों में परिक्रमा व पवित्र झील में स्नान करने आते है इसके अलावा क्षेत्र के लोग संग्रान्द व अन्य विशेष दिनों में घी का प्रसाद माता देवी बुढीनागिन के मन्दिर में स्थित मूर्ति पर चढाते है और सरेऊलसर झील में चारों ओर शुद्व देसी घी की धारा लगाकर माता को प्रसन्न करते है। परंपरा के अनुसार देवी माता को घी से पूजा करने पर क्षेत्र की सुख समृद्वि एंव परिवार की मनोकामना पुर्ण होती है। आऊटर सिराज क्षेत्र के प्रमुख देवी देवताऔं में निरमण्ड गांव में स्थित देवी माता अम्बिका मन्दिर,भगवान परशुराम का भव्य मन्दिर देशभर के र्पयटको एंव श्रद्वालुओं की आस्था के केन्द्र बना है खरगा सरगा,देवता चम्भुं,देवढांक,अरसु,डमेहली,उरटू,कतमोर,वशलेउजोत आदि स्थल शामिल है। आऊटर सिराज क्षेत्र का प्रसिद्व धार्मिक एंव व्यापारिक लवी मेला आनी के राजारघुबीरसिहं मैदान में हर साल नंवम्बर माह में मनाया जाता है यह मेला देवता शमशरी महादेव,पनेवीनाग,कुलक्षेत्र महादेव के सानिध्य में मनाया जाता है लवी मेला आनी में राष्ट्रीयस्तर की कुश्ती प्रतियोगिता और हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों के सांस्कृतिक दलों की प्रस्तुती मुख्य आर्कषण है। इस लवी मेले का आयोजन सिराज उत्सव कमेटी द्वारा किया जाता है। आऊटर सिराज आनी निरमण्ड की 58 ग्रंाम पंचायतों के हर गांवों में अधिक छोटे और बडे देवी देवताओं के प्राचीन एंव ऐतिहासिक मन्दिर मौजूद है। हर गांव में मेलों त्यौहारों की धूम रहती है देव पंरपरा से जुडा दुनिया का अन्तराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा में आनी निरमण्ड क्षेत्र के देवी देवता सैकडों देवलुओं के साथ शामिल होते है। आऊटर सिराज क्षेत्र के हर गांव के लोग कुल्लू दशहरा में अपने पहाडी वेशभूशा में शामिल होते है कुल्लू दशहरा में शामिल होना एक पंरपरा बनी हुई है जिसमें बजुर्ग एंव महिलाऐं अधिक संख्या में भाग लेती है। आनी के मुख्य मेलों मे जिलास्तरीय आनी मेला,लवी मेला,बाडी मेला,बेहना मेला,चखाणा मेला,धोगी जातर,सतराला मेला,बुढी दीवाली मेला निरमण्ड,देहुरी मेला,कश्टामेला,रानीकोट मेला,सिसरीमेला,कवाईथाच मेला,कमांद मेला,लुहरी लवी मेला,दलाश मेला,लगौटी मेला,झीरू मेला,आदि प्रसिद्व है।
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