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इसरो को भाया हिमाचली का शोध
हमीरपुर — हमीरपुर शहर के इंजीनियरिंग छात्र क्षितिज को इसरो ने वैज्ञानिक खोज के लिए गोल्ड मेडल दिया है। क्षितिज दक्षिण भारत की एसआरएम चेन्नई यूनिवर्सिटी में मेकेनिकल इंजीनियरिंग का छात्र है। इसरो ने क्षितिज के ‘आर्टिफिशियल इन्वेंटेड एनर्जी एफिशियंट एन्वायरनमेंट’ पर आधारित शोध को दुनिया भर के वैज्ञानियों में सर्वश्रेष्ठ करार दिया है। दक्षिण भारत के किसी संस्थान में इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाला क्षितिज उत्तरी भारत का पहला छात्र है। क्षितिज के पिता हमीरपुर के हाई स्कूल घिरथेड़ी में टीचर हैं। क्षितिज ने जमा दो की शिक्षा हमीरपुर के गुरुकुल स्कूल से हासिल की है। शुरू से टॉप करने वाले क्षितिज ने इंजीनियरिंग की कोचिंग शिमला स्थित एक निजी अकादमी से ली थी। इस आधार पर एसआरएम यूनिवर्सिटी चेन्नई पहुंचे क्षितिज मेकेनिकल इंजीनियरिंग में फर्स्ट सेमेस्टर के छात्र हैं। इसरो ने 27 तथा 28 फरवरी को देश भर के कालेज छात्रों के शोध पत्र आमंत्रित किए थे, इसमें करीब 300 शोध पत्रों को शामिल किया गया था। लिहाजा इसरो की इस परीक्षा में क्षितिज के शोध पत्र को सर्वश्रेष्ठ करार देते हुए उसे गोल्ड मेडल दिया है। क्षितिज ने उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है। ‘दिव्य हिमाचल’ दूरभाष पर क्षितिज ने बताया कि अब वह अपने इस शोध को बड़े स्केल पर प्रस्तुत कर रहा है। इस खोज को अमलीजामा पहनाकर वह समाज का भला करना चाहता है। उनका कहना है कि एन्वायरनमेंट तथा एनर्जी जीवन के दो अहम हिस्से हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपना शोध पत्र तैयार किया था।
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