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राजकीय बहुतकनीकी संस्थान बनीखेत
प्रिंसीपल के विचार
राजकीय बहुतकनीकी बनीखेत शिक्षण संस्थान के प्रिंसपील एचके भट्टी के अनुसार इस शिक्षण संस्थान का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की युवा पीढ़ी को गुणात्मक शिक्षा के साथ-साथ पर्सनेलिटी डिवेलपमेंट पर ध्यान देकर युवाओं में आत्मविश्वास पैदा करना है। जैसा कि आज के युग में उच्च शिक्षा के साथ- साथ आकर्षक व्यक्तित्व का निर्माण होना भी आवश्यक है जिससे आज के युग में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच युवा अपनी अलग पहचान बना सकें। अतः संस्थान का मुख्य उद्देश्य छात्रों का चहुंमुखी विकास और उन्हें संपूर्ण ज्ञान देना है। संस्थान को नई ऊंचाई प्रदान करने के लिए कर्मठ स्टाफ भी दिन-रात मेहनत और लगन से इसके विकास में लगा हुआ है। संस्थान की महत्ता को स्वीकार करते हुए यहां अध्ययनरत छात्रों को हर आवश्यक सुविधा तथा बेहतर शिक्षा उपलब्ध करवाने हेतु प्रयासरत हैं तथा विभाग व प्रदेश सरकार के साथ सामंजस्य कर कमियों को पूरा करने हेतु प्रयत्नशील हैं ।
संस्थान में पाठ्यक्रम
संस्थान में आल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन, नई दिल्ली से मान्यता प्राप्त सिविल इंजीनियरिंग तथा इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग तीन वर्षीय डिप्लोमा कोर्स उपलब्ध है। भवन निर्माण का कार्य पूरा होने के पश्चात इस संस्थान में तीन वर्षीय डिप्लोमा कोर्सेज में ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन और मेकेनिकल इंजीनियरिंग जैसे पाठ्यक्रम भी आरंभ करवा दिए जाएंगे। संस्थान में अन्य सुविधाओं के अलावा छात्रों के लिए लाइब्रेरी की व्यवस्था की गई है, जिसमें पाठ्यक्रम की पुस्तकों के अलावा विभिन्न प्रकार की पुस्तकें हैं। छात्र अपने खाली समय में इस सुविधा का लाभ उठाते हैं। संस्थान में कम्प्यूटर लैब भी है। इसके अलावा संस्थान के साथ सटे पद्धर मैदान में छात्रों की खेल संबंधी जरूरतों को पूरा किया जा रहा है। इसी के चलते पढ़ाई के साथ संस्थान ने खेल के क्षेत्र में भी कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इसमें छात्रों ने इंटर पोलटेक्नीक प्रतियोगिता में कब्बडी व वालीबाल में प्रथम स्थान हासिल कर संस्थान व पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है।
भविष्य का लक्ष्य
संस्थान का लक्ष्य यही है कि वह देश के लिए अच्छे नागरिक तैयार करे, जिस से वे संस्थान के साथ-साथ अपने प्रदेश का भी नाम रोशन करें। संस्थान का लक्ष्य छात्रों को ऐसी शिक्षा देना है, जो उनके व्यावहारिक जीवन में भी उपयोगी साबित हो सके। इसी उद्देश्य को लेकर संस्थान आगे बढ़ रहा है।
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