Friday, 28 March 2014

कृषि से करें, कैरियर का प्रबंधन

कृषि से करें, कैरियर का प्रबंधन

वैश्वीकरण के वर्तमान दौर में हर क्षेत्र में बड़ी तेजी से बदलाव हो रहे हैं और कृषि सेक्टर भी इससे अछूता नहीं है। इस वजह से कृषि सेक्टर का प्रबंधन भी जरूरी हो गया है। इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की खातिर केवल एग्रीकल्चर ग्रेजुएट बनना ही काफी नहीं है…
cereerहमारी अर्थ व्यवस्था में कृषि का अहम योगदान है। किसी भी देश की प्रगति उसकी कृषि पर निर्भर करती है।यदि कृषि को देश की सुरक्षा और विकास की रीढ़ कहा जाए तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगा। वैश्वीकरण के वर्तमान दौर में हर क्षेत्र में बड़ी तेजी से बदलाव हो रहे हैं और कृषि सेक्टर भी इससे अछूता नहीं है। इस वजह से कृषि सेक्टर का प्रबंधन भी जरूरी हो गया है। इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के खातिर केवल एग्रीकल्चर ग्रेजुएट बनना ही काफी नहीं है। आज इस सेक्टर में ऐसे लोगों की मांग लगातार बढ़ रही है, जिन्हें इस क्षेत्र की बुनियादी जानकारी के अलावा मैनेजमेंट की भी अच्छी समझ हो। इस लिहाज से एग्री- बिजनेस मैनेजमेंट का कोर्स करना युवाओं के लिए लाभदायक हो सकता है। युवा रोजगार का यह विकल्प चुनकर देश की कृषि का बेहतर प्रबंधन कर देश की आर्थिकी को मजबूत कर सकते हैं।
एग्री- बिजनेस में कैरियर की निर्भरता
एग्री- बिजनेस में कैरियर फार्मिंग से लेकर कमोडिटी ब्रोकर, कमोडिटी बायर, फूड ब्रोकर, सप्लाई प्लानर, मैनेजर परचेज एग्जीक्यूटिव, प्रोक्योरमेंट अफसर, लोन अफसर, मार्केटिंग रिसर्चर या स्पेशलिस्ट, प्रोडक्ट एनालिस्ट, परचेज एजेंट, स्टेटिस्टिशयन और होलसेलर तक के रूप में फैला हुआ होता है।
प्रमुख शिक्षण संस्थान
नौणी विश्वविद्यालय सोलन, हिमाचल प्रदेश
चौधरी सरवन कुमार कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर, हिप्र
पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, लुधियाना, पंजाब
हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, हिसार
जीबी पंत विश्वविद्यालय, पंतनगर
इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट, गुड़गांव
मिलेनियम अकादमी ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज, नई दिल्ली
कोर्सेज
मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एग्री- बिजनेस)
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एग्री- बिजनेस
डिप्लोमा इन एग्री- बिजनेस एंड एग्री प्रोसेसिंग मैनेजमेंट
सर्टिफिकेट कोर्स इन एग्री- बिजनेस एंड एग्री प्रोसेसिंग मैनेजमेंट
कारेसपोंडेंस कोर्स इन एग्री बिजनेस मैनेजमेंट
बैचलर ऑफ एग्री- बिजनेस विद ऑनर्ज
बीएससी इन एग्री- बिजनेस मैनेजमेंट
ग्रेजुएट कोर्स इन एग्री- बिजनेस
डिस्टेंट एजुकेशन एग्री- बिजनेस मैनेजमेंट
एमएससी इन एग्री- बिजनेस मैनेजमेंट
शैक्षणिक योग्यता

एग्री- बिजनेस मैनेजमेंट के पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में दाखिला लेने के लिए कृषि से संबंधित विषय में ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए। एग्रीकल्चर, फूड टेक्नोलॉजी, एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग, डेयरी टेक्नोलॉजी, एनिमल हस्बेंड्री, हार्टिकल्चर, फिशरीज या फोरेस्ट्री जैसे विषयों में स्नातक डिग्रीधारक छात्र इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। जिन छात्रों ने किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से एग्रीकल्चर में बैचलर की डिग्री हासिल की है, वे एग्री- बिजनेस से संबंधित कोर्सों में प्रवेश पा सकते हैं।
रोजगार के अवसर
ज्यादातर शिक्षण संस्थान अच्छे रोजगार के विकल्प प्रदान करते हैं। आज एग्री- बिजनेस में रोजगार के अवसर विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध होते हैं, जैसे- वेयर हाउसिंग, रिटेल सेक्टर, सीड कंपनियों, पेस्टीसाइड कंपनियों, फर्टिलाइजर कंपनियों, फाइनांस सर्विसेज, बैंकों और इंश्योरेंस के क्षेत्र में प्राप्त होते हैं। एग्री- बिजनेस मैनेजमेंट में आपरेशंज के विभिन्न क्षेत्रों में योग्य मानव शक्ति के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इन सब से अलग एग्री- बिजनेस में कुछ और आवश्यक क्षेत्र भी  हैं, जो कैरियर के लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं, जैसे- एग्रीकल्चर कंसल्टेंसी, जर्नलिज्म, एग्री बैंकिंग, हाईटेक फार्मिंग एग्रीकल्चर कंजरवेशन, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग। इसके अलावा अध्यापन के क्षेत्र में भी अच्छे अवसर मौजूद हैं।
चयन की प्रक्रिया
अधिकतर शिक्षण संस्थान प्रवेश परीक्षा के माध्यम से छात्रों का चयन करते हैं। प्रवेश परीक्षा अकसर दो चरणों में होती है। प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण छात्रों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। इसके बाद ही अंतिम रूप से छात्रों का चयन किया जाता है। इस कोर्स के माध्यम से छात्र जनरल मैनेजमेंट, संस्थागत व्यवहार, वित्तीय प्रबंधन, मार्केटिंग ऑफ एग्रीकल्चरल इनपुट्स, एग्रीकल्चरल आउटपुट मार्केटिंग, बिजनेस संबंधी नियम- कायदे तथा आर्थिक माहौल तथा नीतियों के बारे में सीखते हैं। इसके अलावा उन्हें कृषि सेक्टर से जुड़ी आधुनिक तकनीकों व प्रबंधन के तौर तरीकों को जानने में मदद मिलती है, जिन्हें वे प्रोडक्शन, सप्लाई चेन मैनेजमेंट, हार्वेस्ट मैनेजमेंट सहित अन्य कई कामों में लागू कर सकते हैं।
वेतनमान
एग्री- बिजनेस में कोर्स करने के बाद छात्र सरकारी, निजी या कारपोरेट सेक्टर में काम कर बेहतर वेतनमान प्राप्त कर सकते हैं। वेतनमान  शैक्षणिक योग्यता, अनुभव और संबंधित क्षेत्र में निपुणता आदि पर निर्भर करता है। सरकारी क्षेत्र में सरकारी मानकों के अनुसार वेतन मिलता है जबकि निजी क्षेत्र में यह कंपनी के ऊपर निर्भर है। अमूमन 15 से 35 हजार तक वेतन मिलता है।

No comments:

Post a Comment