Thursday, 6 March 2014

आसमानी बिजली से खंडित पिंडी शिवलिंग जुड़े

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आसमानी बिजली से खंडित पिंडी शिवलिंग जुड़े

कुल्लू —  शिवरात्रि पर्व के मौके पर आकाशीय बिजली गिरने से खंडित हुई देवभूमि कुल्लू की पार्वती घाटी में स्थित अधिष्ठाती देवी पटंती माता भगवती की पिंडी और साथ में विराजमान शिवलिंग गुरुवार को जुड़ गए हैं। गुरुवार को पिंडी के जुड़ने से क्षेत्र में घोषित हुआ शोक भी हट गया है। गुरुवार को भी मंदिर में जाप का दौर जारी रहा। इस मौके पर धाम का आयोजन भी किया गया। करीब 100 साल बाद घटी इस घटना से अभी भी पार्वती घाटी के लोग काफी हैरान हैं। पिंडी के जुड़ने के बाद सुहागिनों ने भी अपना हार शृंगार करना शुरू कर दिया है। पिंडी खंडित होने के चलते विवाहित महिलाएं अपने माथे पर सुहाग की बिंदी और सिंदूर आदि नहीं लगा सकती थीं, लेकिन गुरुवार हवन यज्ञ होने से सुहागिनों ने हार शृंगार करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही पुरुषों के दाड़ी व नाखून आदि न काटने पर लगा प्रतिबंध भी हट गया है। देव समाज के लोगों के अनुसार जब तक पिंडी खंडित होती है, तब तक उस पर किल्टा रख दिया जाता है। जब पिंडी जुड़ जाती है तो फिर किल्टा अपने आप ही हट जाता है। गुरुवार को भी किलटा अपने आप हट गया तथा क्षेत्र से शोक भी हट गया है, लेकिन देव समाज के लोग अभी भी यही चर्चा कर रहे हैं कि क्षेत्र में आखिर ऐसा क्या संकट आ गया था, जोकि देवी ने अपने ऊपर ले लिया था। पटंती देवी के कारदार जगू राम ने जानकारी देते हुए बताया कि गुरुवार को कुदरती रूप से पिंडी जुड़ गई है। इतने दिनों तक पार्वती घाटी के इस क्षेत्र में सात्विक और सादा खाना ही बन रहा था। उन्होंने बताया कि पिंडी के जुड़ने के बाद अब उन्हें एहसास हो गया है कि महादेव मान गए हैं तथा क्षेत्र में लोगों को अधिक से अधिक अच्छे काम करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। 100 साल बाद घटी इस घटना से जहां स्थानीय निवासी हैरत में हैं, वहीं गांववासियों का यह भी कहना है कि शायद भगवान ने इलाके पर आया संकट टाल दिया।

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