epaper annithisweek.in
शृंगा दर्शन को 20 किलोमीटर पैदल
आनी — बंजार इनर सराज के प्रमुख अराध्य देवता शृंगा ऋषि की 11 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित तपोस्थली स्कीरण में बुधवार को विभिन्न क्षेत्रों से आए लगभग पांच हजार श्रद्धालुओं ने प्रातः कंपकपाती ठंड में शृंगा ऋषि के मंदिर में पूजा अर्चना कर शीश नवाया और गुरु से सरसों के दाने के रूप में परिवार क ी मंगल कामना का आशीर्वाद पाया, वहीं देवता शृंगा ऋषि के प्रति बंजार क्षेत्र सहित आनी वाह्य सराज क्षेत्र व छतरी तथा च्वासी क्षेत्र के लोगों की अगाध श्रद्धा है और लोग हर वर्ष साजा ज्येष्ठ को ऋषि की तपोस्थली स्कीरण में 20 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर शृंगा ऋषि के दर्शन करते हैं और कई भक्त अपनी सुखना अथवा मनीच्छा लेकर यहां पहुंचते हैं, जिनमें कई भक्त अपने छोटे बच्चों के बाल (जडू) यहां कटवाते हैं। सुखना को पूरा करने के लिए भक्त यहां सैकड़ों बकरों की बलि चढ़ाते हैं। इसी परंपरा के तहत बुधवार को स्कीरण में सैकड़ों बकरों की बलि चढ़ाई गई। इस धार्मिक यात्रा के लिए आनी क्षेत्र व साथ लगते च्वासी, छतरी क्षेत्र से 12 व 13 मई को लगभग दो हजार श्रद्धालु 10280 फुट की ऊंचाई पर स्थित जलोड़ी दर्रा को पार कर सरेउलसर,लांबा लांबरी के कठिन मार्ग से गुजरते हुए एक फुट बर्फ में 11 हजार फुट की उंचाई पर स्थित शृंगा ऋषि की तपोस्थली स्कीरण पहुंचे। आनी क्षेत्र से स्कीरण गए भक्त कुशाल, पूजा राज, यशपाल, परवेश, चुन्नी लाल, शेरू, रवि, गुलाब ठाकुर, लीला चंद भारद्धाज, कपिल डोगरा, हैप्पी व मुकेश आदि का कहना हैं कि स्कीरण की यात्रा बहुत ही रोमांच पूर्ण है, यहां पहुंचने के लिए हालांकि कठिन चढ़ाई वाला मार्ग है मगर ऋषि के आशीर्वाद से सभी भक्त यहां सुगमता से पहुंच जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष यात्रा के दौरान भारी वर्षा व बर्फबारी होती रही, मगर बावजूद इसके भक्तों का साहस कम न हुआ। श्रद्धालुओं ने मांग उठाई कि इस धार्मिक यात्रा में सरकार व प्रशासन द्वारा सुविधाएं दी जानी चाहिएं, ताकि यात्रा में जाने वाले श्रद्धालुओं को विकट परिस्थितियों में परेशानी का सामना न करना पडे़।
No comments:
Post a Comment