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अनुराग ने क्रिकेट से चमकाया नाम
हमीरपुर — 25 साल की उम्र में अनुराग ठाकुर का वोट बना तो वह इस कद्र जागरूक हुए कि समाज मेें कुछ अलग करने की ठान ली। पिता प्रेम कुमार धूमल उन्हें बेहतर शिक्षा के लिए बाहर भेजना चाहते थे, लेकिन अनुराग ठाकुर ने समाज सेवा को अपना क्षेत्र बनाकर कुछ नया करने की सोची। एचआरटीसी की बस में रणजी खिलाडि़यों को धक्के खाते देख अनुराग ठाकुर ने 25 साल की उम्र में एचपीसीए की कमान संभाल ली। उन्होंने बतौर सांसद इतनी शोहरत नहीं कमाई, जितना नेक कार्य वह क्रिकेट के उत्थान से कर चुके हैं। एचपीसीए की कमान संभालते ही अगले दस सालों में उन्होंने इस पहाड़ी प्रदेश का नाम पूरी दुनिया में रोशन कर दिया। इसके अलावा वह आनर अवर वूमन की संस्था से जुड़कर देशभर की महिलाआें की सुरक्षा में भी अपनी नेक कमाई का हिस्सा दे रहे हैं। रणजी मैचों से लेकर आईपीएल तक के आयोजनों से प्रदेश को हर साल 400 से 500 करोड़ का बिजनेस मिल रहा है। आईपीएल मैचों व वन-डे मैचों के आयोजन से दुनिया भर में मशहूर हुए इस पहाड़ी प्रदेश के पर्यटन को भी अनुराग ठाकुर के प्रयासों ने पंख लगाए हैं। धर्मशाला में चार आईपीएल मैचों की मेजवानी कर चुके अनुराग ठाकुर की बदौलत ही प्रदेश को अब तक नौ आईपीएल मैच मिल चुके हैं।
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