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चिखड़ में विराजे चिखड़ेश्वर महाराज
ठियोग — ठियोग क्षेत्र के प्रसिद्ध आराध्य देवता चिखड़ेश्वर मंदिर की प्रभात फैरी व देववाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनी व मंत्रोचारण के साथ चिखड़ेश्वर मंदिर प्रतिष्ठा का मुख्य समारोह आयोजित किया गया। चिखड़ेश्वर मंदिर प्रतिष्ठा के भव्य समारोह में क्षेत्र से हजारों की संख्या में देवता के कलेणे व आसापास की देवठियों से श्रद्धालु चिखड़ पहुंचे और सभी ने अपने आराध्य देवता से सुख समृद्धि का आशीर्वाद लिया। इस देव समारोह की शुरुआत सुबह करीब चार बजे मंदिर की देव प्ररिक्रमा से शुरू हुई, जिसके बाद करीब नौ बजे समारोह का मुख्य आकर्षण मंदिर का शिखा पूजन हुआ। शिखा पूजन के बाद देवता चिखडे़श्वर मंदिर में विधिवत रूप से विराजमान हो गए हैं। मंदिर निर्माण के चलते चिखडे़श्वर देवता पिछले चार साल से मंदिर से बाहर रहे थे। समारोह में इस दौरान देवता मंदिर कमेटी की ओर से हजारों लोगों के लिए विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया था। शनिवार को विभिन्न देवठियों से आए अथिति देवी-देवता वापस लौट जाएंगे। गुरुवार शाम को ठियोग की विभिन्न देवठियों से देवी-देवता अपने देवलुओं सहित अथिति स्वरूप चिखड़ पहुंच चुके थे। देवता मंदिर कमेटी के प्रधान ज्ञान शेखर शर्मा, प्रमुख कारदार ब्रह्मा नंद शर्मा, महेंद्र झराईक, साधराम झराईक, अश्विनी बक्शी, लायक राम शर्मा, दिवाकर शर्मा ने बताया कि देवता चिखड़ेश्वर के प्राचीन देव मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य पिछले चार साल से चल रहा था, जिसका कार्य पूर्ण होने पर यह समारोह किया गया है। उन्होंने बताया कि इस भव्य समारोह में ठियोग की विभिन्न देवठियों से देवी-देवताओं को अमंत्रित किया गया था। मंदिर कमेटी के प्रधान ज्ञान शेखर ने कहा कि यहां पर दूसरे परगने से मतियाना क्षेत्र की प्रसिद्ध महेश्वरी शडी देवी, जैईश्वरी जैस, कालू नाग देवता मधान, कलनेश्वर देवता रजाना जनोग के देवता चिखडे़श्वर चिखड़ पहुंचे थे। इनके साथ ठियोग की विभिन्न देवताओं के देवता कारदार व कलेणे भी इस समारोह में आए हैं। उन्होंने बताया कि शनिवार को सभी अतिथि देवी-देवताओं को विदाई दी जाएगी और सभी अपनी अपनी देवठियों को चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि शनिवार को भी यहां आए मेहमानों के लिए भोजन आदि की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि देवता के आशीर्वाद से ही इस देव कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न किया जा सका है
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