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आनी में ओलावृष्टि से फसलें तबाह
आनी — कुल्लू जिला के आनी खंड की दुर्गम पंचायतों बुच्छैर, देवठी और शिल्ली में भारी ओलावृष्टि होने से किसानों और बागबानों की नकदी फसल सेब सहित गेहूं और जौ की फसल को भारी नुकसान हुआ है, जिसके कारण लोगों की साल भर की मेहनत पर पानी फिर गया है। देवठी पंचायत के राम सिंह, तेज राम, बुच्छैर पंचायत के मोहर सिंह, महेंद्र सिंह, गुमान सिंह, देवेंद्र कुमार, सहित सैकड़ों किसानों और बागबानों का कहना है कि लढ़ागी, बुच्छैर, तराला, देवठी, शिल्ली, जौह सहित कई ऊंचे इलाकों में करीब डेढ़ से तीन इंच तक ओलावृष्टि होने से सेब की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। सेब के पौधों के पते तक झड़ गए, जबकि गेहूं और जौ की खड़ी फसल भी तबाह हो गई। गौरतलब है कि इस बार मौसम की मार के कारण पहले ही सेब की फसल कम थी ऊपर से ओलावृष्टि ने किसानों और बागबानों की साल भर की मेहनत को मिट्टी में मिल गई है। प्रभावित लोगों ने सरकार से फसल के नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है। वहीं इस बारे में एसडीएम आनी नीरज गुप्ता ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में राजस्व विभाग के कर्मचारियों को नुकसान का आकलन करने को कहा है।
शमशर महादेव में सात साल बाद महायज्ञ
आनी — आनी के प्राचीन एवं ऐतिहासिक महादेव मंदिर शमशर में सात साल के अंतराल बाद रुद्रमहायज्ञ एवं शिव महापुराण कथा का भव्य आयोजन 25 मई रविवार से पांच जून तक होगा। ग्राम पंचायत च्वाई के प्रधान ने बताया कि रुद्रमहायज्ञ में हवनकुंड खोला जाएगा, जिसके लिए क्षेत्र के पुजारी पुरोहितों को आमंत्रित किया गया है। दो हजार साल पुराने शमशर महादेव में मंदिर में एक पवित्र एवं ऐतिहासिक हवनकुंड स्थापित किया गया है, जिसे इस रुद्रमहायज्ञ में खोला जाएगा, जिसमें ब्राह्मण समुदाय के सैकड़ों पुरोहित पूजा-पाठ करके खोलेंगे। प्रधान ने कहा कि महादेव मंदिर शमशर जिला कुल्लू व हिमाचल प्रदेश का सबसे प्राचीन मंदिर है। हर गांव की कहानी में महादेव मंदिर भी शामिल है। सरकार एवं पर्यटन विभाग के सौजन्य से मंदिर का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है, ताकि अधिक श्रद्धालु एवं पर्यटक इस सथल की ओर आकर्षित हो सके। सभी को मंदिर में सुविधा मिल सके। सात साल के बाद रुद्रमहायज्ञ का भव्य आयोजन किया जा रहा है।
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