शिमला — हिमाचल प्रदेश में विकास योजनाआें को चालू रखने के लिए सरकार को एक दफा फिर से ऋण लेने की जरूरत पड़ गई है। बड़े कर्ज में डूबे राज्य को अभी 200 करोड़ रुपए चाहिए, जिससे यहां विकास कार्यों को गति मिल सके। प्रदेश के वित्त विभाग ने ऋण लेने की तैयारी कर ली है और 13 मई को यहां के लिए ऋण हासिल किया जाएगा। बताया जाता है कि 13 मई को आरबीआई मुंबई में हिमाचल को 200 करोड़ रुपए का लोन देगा। इसके लिए सभी तरह की औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं और वित्त विभाग के अधिकारी मुंबई जा रहे हैं। इस साल राज्य के लिए इससे पहले 550 करोड़ रुपए का ऋण लिया जा चुका है। यह ऋण दो किस्तों में लिया गया था और अब फिर 200 करोड़ रुपए लिए जा रहे हैं। इसके साथ ही इस साल कुल 750 करोड़ रुपए का ऋण और हिमाचल पर चढ़ जाएगा। यहां बता दें कि हिमाचल प्रदेश पर पहले से ही 29 हजार करोड़ रुपए से अधिक का ऋण है, जो निरंतर बढ़ता जा रहा है। ऐसे में भी वित्तीय हालातों को सुधारने की सरकार की ओर से कोई कवायद नहीं हो रही है, जबकि इसमें सुधार की इस समय सख्त जरूरत है। प्रदेश के प्रधान सचिव वित्त डा. श्रीकांत बाल्दी का कहना है कि प्रदेश को विकास कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए डिवेलपमेंट लोन की जरूरत रहती है। 13 मई को आरबीआई लोन दे रहा है, जिसकी औपचारिकताएं पूरी कर दी गई हैं। विकास कार्यों को लिए जा रहे ऋण के लिए केंद्र सरकार की अनुमति भी जरूरी रहती है। केंद्र सरकार राज्यों के लिए कर्ज लेने की सीमा निर्धारित करती है, जिसके तहत ही ऋण लिया जाता है। हिमाचल प्रदेश की ऋण सीमा अभी पूरी होनी शेष है, लिहाजा सरकार ने 200 करोड़ के ऋण के लिए आवेदन कर दिया है।
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