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राजा हीरा सिंह की याद दिलाता है मेला
नंगे पैर पहुंचे थे शमशरी महादेव के दरबार
हरिकृष्ण शर्मा
आनी (कुल्लू)। आनी मेला आज भी राजा हीरा सिंह की याद दिलाता है। कहते हैं कि करीब 125 वर्ष पूर्व आनी के तत्कालीन राजा हीरा सिंह की रियासत में एक महामारी ने विकराल रूप धारण कर लिया था। बीमारी की चपेट में सैकड़ाें लोग आ जाने से राजा बहुत चिंतित हुए। राजा हीरासिंह ने राज पुरोहित के मशवरे से यहां के आराध्य देवताओं की शरण में जाने का फैसला किया।
राजा ने बिना समय गंवाए यहां के आराध्य शमशरी महादेव, पनेउई नाग और देउरी नाग की शरण में जाकर इस बीमारी से निजात दिलाने की गुहार लगाई। देवताओं ने राजा की फरियाद सुनी तो कहते हैं कि कुछ ही दिन में क्षेत्र के लोग स्वस्थ हो गए। राजा खुश हुए और देवताओं के पास जाकर उनका आभार जताया और आग्रह किया कि वे आनी में इस याद में एक मेले का आयोजन करना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने देवताओं से फरियाद की कि वे शुभ मुहूर्त दें ताकि आनी में एक भव्य मेले का आयोजन हो सके। देवताओं ने पच्चीस बैसाख को यह मेला शुरू करने के निर्देश दिए। तो उसी समय से यह मेला हर वर्ष पच्चीस बैसाख को मनाया जाता आ रहा है और सैकड़ों वर्ष पुरान इस मेले का आजतक भव्य आयोजन होता है। समय के साथ-साथ सरकार ने इस मेले को जिला स्तर का रूप दिया।
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