Friday, 9 May 2014

पांडुलिपियों पर जानकारीहिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी द्वारा

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पांडुलिपियों पर जानकारी

newsशिमला —  हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी द्वारा शुक्रवार राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर में पांडुलिपि जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ विद्वान डा. ओम प्रकाश सारस्वत ने बतौर मुख्यतिथि शिरकत की। इस शिविर में अकादमी के पांडुलिपि रिसोर्स सेंटर द्वारा संग्रहित 60 पांडुलिपियां भी प्रदर्र्शित की गईं। अकादमी के वरिष्ठ अनुसंधान अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन योजना के अंतर्गत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि मिशन का मुख्य उद्देश्य लुप्त हो रही पांडुलिपियों का संरक्षण करना हैं, लोगों को जागरूक करने के लिए इस तरह के शिविर प्रदेश के अनेक स्थानों में लगाए जाते रहे हैं। इस अवसर बच्चों को राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन से संबंधित सीडी भी दिखाई गई। राज्य संग्रहालय के  पंजीकरण अधिकारी व कन्जरवेशन सेंटर के को-आर्डिनेटर डा. हरि चौहान नेपावर प्रेजेंटेशन के साथ पांडुलिपियों के संरक्षण की जानकारी दी। मुख्य अतिथि डा. ओम प्रकाश सारस्वत ने कहा कि पांडुलिपि ज्ञान का मूर्तिमान है। हमारे पूर्वजों ने जो ज्ञान अर्जित किया उसे लिपिबद्ध किया। समय की गर्द से वह लिपिबद्ध कृति पीली पड़ गई और पांडुलिपि कहलाई। उन्होंने कहा कि भारत वर्ष में आयुर्वेद ज्योतिष, वनस्पति विज्ञान आदि से संबंधित अनेक पांडुलिपियां थीं, जिनमें से अधिकतर नष्ट हो चुकी हैं।  कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को पांडुलिपियों की जानकारी देना था।

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