श्री गिरी गंगेश्वर महादेव त्रिवेणी धाम
इस धार्मिक स्थल तक पहुंचने के लिए सोलन से 25 कि. मी.और राजगढ़ से 15 कि. मी. की की यात्रा करनी पड़ती है। गिरिगंगा के साथ लगते पर्वत पर स्थित है यह स्थान। सड़क मार्ग से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है…
हिमाचल प्रदेश शिव भूमि के नाम से जाना जाता है। जिला सोलन व सिरमौर के मध्य गिरि नदी के तट पर करगाणू गांव की उंची पहाड़ी पर स्थित श्री गिरी गंगेश्वर पंच महादेव त्रिवेणी धाम विराजमान है। जिसका निर्माण कुछ वर्षों पहले परमपूज्य श्री श्री 1008 शंभू भारती जी महाराज के द्वारा करवाया गया। महाराज ने इससे पहले एक मंदिर बाबा सिद्ध मंदिर चायल व मां काली टिब्बा की स्थापना की है। भारतीय संस्कृति एवं धर्म की रक्षा के लिए निरंतर प्रयासरत गुरु जी का अहम् योगदान है, गुरु जी ने सनातन धर्म के लिए जिला सोलन में 2 व सिरमौर में 1 मंदिर बनवाकर 3 धार्मिक स्थलों का निर्माण करवाया, जहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। इस धार्मिक स्थल तक पहुंचने के लिए सोलन से 25 कि. मी. राजगढ़ से 15 कि.मी. की दूरी पर गिरी गंगा के साथ लगते पर्वत पर स्थित है यह स्थान। सड़क मार्ग से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। इस मंदिर के मुख्य द्वार पर नंदी महाराज व विशालकाय शिवलिंग स्थापित है जिसका निर्माण एक पत्थर से किया गया है। नंदी महाराज की मूर्ति का वजन 2.5 टन व शिवलिंग का वजन 4 टन है। मंदिर में प्रवेश करते ही गणेश जी व पंच महादेव के दर्शन होते हैं। दाईं तरफ शेर पर सवार मां दुर्गा की मूर्र्ति स्थापित है। जिसका निर्माण एक ही पत्थर से किया गया है, इसका वजन 8 टन के लगभग है। इस मंदिर में पंच महादेव के पांचों लिंगों के दर्शन एक साथ होते हैं। शिव पारस के रूप में स्थापित हैं एक ओर ब्रह्मा जी व दूसरे छोर पर विष्णु जी विराजमान हैं। इस धाम के पुजारी व महात्मा शिव भारती जी ने बताया की शिव के इन पांच रूपों में अलौकिक शक्ति होती है। चांदी रूप में नव ग्रहशांति के लिए पूजा जाता है, पीतल शिवलिंग व स्फटिक शिवलिंग की पूजा से सुख शांति प्राप्ति के लिए व नर्वादा शिवलिंग की पूजा भगवान विष्णु जी से इच्छित वर की प्राप्ति के लिए पूजा की जाती है। पारस शिवलिंग मंदिर के मध्य में विराजमान हैं। उनकी पूजा अर्चना धन संपत्ति सर्व सुख की प्राप्ति के लिए की जाती है। सावन मास में त्रिवेणी महादेव धाम में दर्शन मात्र से त्रिवेणी के स्नान के समान फल प्राप्त होता है। भस्म, रुद्राक्ष व भगवान सदा शिव यह तीनों शक्तियां विराजमान है। शिवनाम तो गंगा जी भस्म श्री यमुना जी व रुद्राक्ष सरस्वती जी यह तीनो पापों का नाश करने वाली शक्तियां हैं। शिव व पार्वती की पूजा का विशेष महत्व है पांच सोमवार शिवलिंग पर श्रद्धालु व भक्तजन दूध, दहीं व गंगा जल से स्नान करवाकर चंदन तिलक लगाकर वेलपत्र, भांग व धतूरा चढ़ाकर शिव बाबा की पूजा अर्चना करते हैं। वहीं पर चूड़ेश्वर महादेव विराजमान हैं उनके दर्शन होते हैं। आगे चलकर नीचे की ओर देखेंगे तो करगाणू गांव व लहराती हुई फसलें व साथ में बहती कलकल आवाज करती गिरि-गंगा के दर्शन होते हैं। इस मंदिर में भंडारे का आयोजन किया जाता है। श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए सराय भवन का निर्माण किया जा रहा है।
मानक चंद, राजगढ़, सिरमौर
No comments:
Post a Comment