Wednesday, 26 February 2014

कुल्लू का यह प्रसिद्ध नृत्य देव यात्रा

ANNTHISWEEK.BLOGSPOT.COM

देव यात्रा में होता है तलवार नृत्य

तलवार या खड़ायत नृत्य- कुल्लू का यह प्रसिद्ध नृत्य देव यात्रा के साथ चलता है। ढोल, शहनाई, करनाल की सुमधुर गूंज के साथ नर्तक दल की तलवारें नर्तक वेशभूषा में वाद्यों की ताल पर हाथों में हिलती हैं और तलवार नृत्य आरंभ हो जाता है। प्रत्येक नर्तक नाचता हुआ दूसरे प्रतिद्वंद्वी के वार से बचाव करता है। शेष नर्तक दल एक हाथ में तलवार लेकर और दूसरे हाथ में ढाल ले कर नृत्य करते रहते  हैं। तलवार नृत्य की समाप्ति पर नर्तक जोड़े फिर से माला में आकर लयात्मक गति के साथ नृत्य का प्रदर्शन करते हैं। नृत्य आनंद के साथ-साथ धार्मिक वीर रस से भी भरा होता है।
सांगल नृत्य- इस नृत्य में स्त्री- पुरुष साथ नाचते हैं। नृत्य स्थानीय देवी-देवताओं और वीर पुरुषों की याद में किए जाते हैं। पुरुष और स्त्रियां आमने- सामने अलग-अलग अर्द्ध वृत्त बनाते हैं। लोक नृत्य की प्रगति के साथ-साथ वे आपस में मिल जाते हैं। लोक नर्तक प्रश्नोत्तर के रूप में नृत्य गीत करते हुए नाचते हैं। यह स्त्री- पुरुषों का समूह नृत्य होता है। नर्तकों के प्रश्नोत्तर से ही यह नृत्य आगे बढ़ता है।

No comments:

Post a Comment