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हिमाचल में लुप्त हो रहा स्नो लैपर्ड
प्रदेश में मांस भक्षी पक्षी कई प्रकार के हैं, जिनकी संख्या विश्व भर में काफी कम है। स्नो लेपर्ड हिमाचल में पाए जाने वाली किंतु लुप्त होती बिल्ली जाति की प्रजाति है…
संसार में हिमाचल प्रदेश में फीजेन्ट पक्षियों की आबादी सबसे अधिक है। इसके बाद मोनाल,मार्मेट, हिमालयन, गिलहरी, भेडि़या आदि हैं। दूसरे नबंर पर आइवैक्स, सीरो, ब्लू शीप थार कस्तूरा, घोराल और याक आते हैं। प्रदेश में मांस भक्षी पक्षी कई प्रकार के जीव जन्तु हैं, जिनकी संख्या विश्व भर में काफी कम है। इस श्रेणी में ब्लेकबीयर ब्राउन बीयर हिमालयन बैसल,यलो थ्रोटेड मार्टेन स्टोन मार्टेंन भेडि़या तेंदुआ लिंक्स आदि हैं। स्नो लेपर्ड हिमाचल में पाए जाने वाली किंतु लुप्त होती बिल्ली जाति की प्रजाति है।
वन्य जन्तु संरक्षण की गतिविधियां
अभयारण्यों पार्कों एवं सुरक्षित क्षेत्रों में वन्य
1: जन्तुओं का विकास, संरक्षण और वैज्ञानिक ढंग से पालन।
2: संरक्षित क्षेत्रों के बाहर भी वन्य जीव जंतुओं एवं उनके आश्रय स्थलों की सुरक्षा।
3: संरक्षित वन्य क्षेत्रों के अंतर्गत अधिक क्षेत्र मिलाना।
4: संरक्षित वन्य क्षेत्रों के नजदीक एकीकृत पर्यावरण विकास का कार्य करना, जिससे संरक्षित क्षेत्र में दबाव कम किया जा सके।
5: स्थानीय लोगों में चेतना जागृत करना, गैर सरकारी संस्थाओं की इस कार्य में भागीदारी निश्चित करना, स्कूल एवं कालेजों के विद्यार्थियों को वन्य जन्तु अभयारण्यों में ले जाकर उनके अंदर इन जीवों से प्रेम करना सिखाना व संरक्षण के प्रति जागृत करना।
6: लुप्त होती प्रजातियों का वैज्ञानिक ढंग से प्रजनन व पुनर्वास के प्रबंध करना।
7: पश्चिमी हिमाचल में वन्य जन्तुओं से संबंधित अनुसंधान कार्य करना आदि।
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