Wednesday, 26 February 2014

सराहन में दी जाती थी नर बलि

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सराहन में दी जाती थी नर बलि

कभी सराहन में देवी काली के मंदिर में नर बलि दी जाती थी। ऐसी मान्यता है कि सराहन ब्राह्मणों के लिए उत्तरी सीमा है, इस के आगे ब्राह्मण जाति के लोग नहीं बसते थे…
नीरथ
नीरथ में सूर्य का मंदिर है। यह मंदिर 12वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह एक शिखर शैली का मंदिर है, जो पुराने मंदिर के अवशेष पर बनाया गया है। वास्तुकला का अद्भुत प्रदर्शन इस मंदिर के निर्माण में हुआ है।
सराहन
7246 फुट की ऊंचाई पर रामपुर से 27 किलोमीटर दूर सराहन है। यहां पत्थरों से बना भीमा काली का दृश्य और खूबसूरत खजियार झील चंबा से 14 किलोमीटर की दूरी पर है। यह कस्बा 1800 साल पुराना है। कभी यहां देवी काली के मंदिर में नर बलि दी जाती थी। ऐसी मान्यता है कि सराहन ब्राह्मणों के लिए उत्तरी सीमा है, इस के आगे ब्राह्मण जाति के लोग नहीं बसते थे।
काला टोप
प्रदेश में काला टोप नाम के दो स्थान हैं। एक पांगी घाटी में है और दूसरा डलहौजी और खजियार के बीच में है। घने जंगलों के कारण इस स्थान का नाम काला टोप पड़ा। यह स्थान डलहौजी से 8 किलोमीटर दूर और खजियार से दस किलोमीटर दूर है। यहां एक अतिथि गृह भी है और यह एक सुंदर पर्यटन स्थल भी है।

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