Miss Himachal
सदी बेशक 21वीं है, पर पुरुष प्रधान संसार में महिला के लिए मुकाम पाना आज भी मुश्किल है। ‘दिव्य हिमाचल’ ने महिलाओं के लिए ‘मिस हिमाचल’ का मंच उपलब्ध करवाकर इस मुश्किल को आसान करने के मौके मुहैया करवाए हैं ताकि महिलाओं की प्रतीभा पर्दे के पीछे न रहे। हाल ही में मिस हिमाचल बनीं एंजल गोयल से जब रू-ब-रू हुए तो एंजल गोयल ने बताया कि मॉडलिंग व डांसिंग में उनका बचपन से शौक तो था, लेकिन राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचने के लिए इसलिए भी राह कठिन नजर आ रही थी क्योंकि प्रदेश स्तर पर लड़कियों को इस क्षेत्र में आगे बढ़ने का कोई बेहतर मंच नही था। ‘दिव्य हिमाचल’ ने प्रदेश की लड़कियों को इस तरह का मंच प्रदान कर एक नई राह दी है। इस राह में जब मैं अपने माता- पिता के सहयोग से आगे बढ़ी तो मिस हिमाचल का ताज मेरे सिर पर सजना, मेरा सपना पूरा होने जैसे रहा। आज में इस ताज को पहनकर उत्साहित तो बहुत हूं लेकिन प्रदेश की लाखों लड़कियां जो इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की चाह पाल रही हैं, उनकी आकांक्षाओं और उम्मीदों पर खरा उतरना भी मेरे लिए चुनौतीपूर्ण बन गया है। उपलब्धियां हासिल करना मुश्किल है, पर उन्हें कायम रखना आर भी मुश्किल होता है। मुझे भरपूर विश्वास है कि जिस प्रकार ‘मिस हिमाचल’ का खिताब जीतने तक मेरे माता- पिता व ‘दिव्य हिमाचल’ परिवार का सहयोग रहा, वह भविष्य में भी निरंतर रहेगा। उन्होंने कहा कि हालांकि मैंने मॉडलिंग व डासिंग के लिए कभी बचपन में प्रशिक्षण नहीं लिया, लेकिन स्कूल स्तर पर मैंने हमेशा सांस्कृतिक गतिविधियों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया और डांसिंग व मॉडलिंग में मेरी परफार्मेेंस को देखकर शिक्षकों की भी चहेती बनी। आज मैं जिस मुकाम पर पहुंची हूं,यह मेरी मां जयश्री के अथक प्रयास का नतीजा है। इतना ही नही मेरे पिता ब्रिजेश गोयल (मोंटी) ने मुझे हर कदम पर अपना सहयोग दिया है। एंजल ने कहा कि उनका लक्ष्य अब प्रदेश का नाम पूरे देश में रोशन करना है।
ऊंचाइयों को छूती एंजल गोयल
सकारात्मक सोच से सफलता की सीढि़यां चढ़ने का उन्माद, उम्मीदों के पंख लगा कर सपनों को छूने का जुनून एंजल गोयल को किसी परी कथा का पात्र बना गया। ‘दिव्य हिमाचल’ की ‘मिस हिमाचल’ की विजेता बन सुर्खियों में आई एंजल गोयल के लिए भविष्य की राहें ग्लैमर के गलियारों का रुख कर रही हैं…
भू्रण हत्या को रोकना मुख्य मकसद-एंजल ने कहा कि भू्रण हत्या समाज का एक ऐसा छुपा हुआ अपराध है, जिससे लड़कियों के अस्तित्व पर खतरा मड़राने लग गया है।
इसके लिए अब लड़कियों को भी आगे आना होगा। एंजल ने कहा कि भविष्य में वह ऐसे कार्यक्रम, जिससे आम लोग भू्रण हत्या के प्रति जागरूक हों, के लिए हमेशा तत्पर रहेंगी।
महेंद्र बदरेल, रामपुर बुशहर
छोटी सी मुलाकात
मिस हिमाचल बनने की ओर आपका रुझान कैसे हुआ?
मुझे बचपन से ही डांसिंग व मॉडलिंग का शौक था। मैं स्कूल स्तर पर होने वाली हर प्रतियोगिता में शामिल होने से नही
चूकती थी। यही कारण रहा कि मेरा मॉडलिंग में शौक बढ़ता रहा और आज जब ‘दिव्य हिमाचल’ ने मुझे बेहतर मंच दिया तो मेरा मॉडल बनने का सपना साकार हो गया।
चूकती थी। यही कारण रहा कि मेरा मॉडलिंग में शौक बढ़ता रहा और आज जब ‘दिव्य हिमाचल’ ने मुझे बेहतर मंच दिया तो मेरा मॉडल बनने का सपना साकार हो गया।
इस क्षेत्र में आगे बढ़ने में आपका किस किस ने सहयोग किया?
सबसे पहली प्ररेणा मेरी मां जयश्री हैं। उन्होंने ही मुझे इस क्षेत्र में आगे बढ़ने का हमेशा हौसला दिया। वह खुद भी मिस कालेज रह चुकी हैं। और जब उन्होंने देखा कि मुझे भी इस क्षेत्र में खासी रुचि है तो उन्होंने इस रुचि को पंख दे दिए। वहीं सष्मिता सेन भी मेरी जिंदगी की प्ररेणा स्रोत रही हैं।
युवतियों को क्या संदेश देना चाहेंगी ?
प्रदेश की युवतियों को मैं एक ही बात कहना चाहूंगी कि वे अपने भीतर आत्मविश्वास को जागृत कर अपने सपने को साकार करने के लिए निकल पडं़े। डगर चाहे जितनी भी मुश्किल हो अगर आपके अपने आपके साथ हैं तो मंजिल पर पहुंचकर आपकी सफलता का मजा दोगना हो जाएगा। साथ ही देश में बढ़ रही भ्रूण हत्या को लेकर अब युवतियों को ही आगे आना होगा। इसके लिए हर मंच पर इस जघन्य अपराध के प्रति ऐसी जागृति पैदा करें कि लोग भू्रण हत्या पर स्वयं ही रोक लगा दें।
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