मन में दृढ़ विश्वास,जीवन में अनुशासन,लक्ष्य पर सदैव केंद्रित व कड़ी मेहनत की बदौलत ही जिला ऊना के दूरदराज गांव ठठल के एक साधारण मिडल क्लास परिवार की एक बेटी शालिनी अग्निहोत्री आज सफलता के शिखर पर विराजमान है। हैदराबाद की सरदार वल्लभ भाई पटेल पुलिस अकादमी में 2012 बैच की आईपीएस अधिकारियों की प्रशिक्षुओं में सर्वश्रेष्ठ प्रोबेशनर बन पीएम बेटन व होम मिनिस्ट्रीज रिवाल्वर अर्जित कर आईपीएस अधिकारी शालिनी अग्निहोत्री महिलाओं के लिए विशेष प्रेरणा स्रोत बनकर उभरी है। शालिनी अग्निहोत्री ने ‘दिव्य हिमाचल’ से रू-ब-रू होते हुए बताया कि अपने लिए बेहतर कैरियर का चयन करते समय पुलिस विभाग के माध्यम से जनता की सेवा करने की मन में इच्छा पनपी। इसी इच्छा को पूरा करने की ललक ने उन्हें आज इस मुकाम तक पहंुचा दिया है। 14 जनवरी,1989 को शुभलता व रमेश अग्निहोत्री के घर पैदा हुई शालिनी बचपन से ही बहुआयामी प्रतिभा की मालिक रही है। मेधावी छात्रा होने के साथ-साथ वह बेहतरीन खिलाड़ी भी रही। शालिनी ने पालमपुर विवि व लुधियाना विवि की बैडमिंटन टीमों का इंटर यूनिवर्सिटी नेशनल प्रतियोगिताओं में प्रतिनिधित्व करने का गौरव भी प्राप्त किया है। 2004 में उन्होंने धर्मशाला में दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की वहीं 2006 में जमा दो की परीक्षा को सफलता से पास किया। इसके बाद 2010 में चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में बीएससी एग्रीकल्चर की उपाधि प्राप्त की। शालिनी अग्निहोत्री ने पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी लुधियाना से 2012 में एमएससी की परीक्षा भी पास की। इसी बीच उसने 2011 में यूपीएससी की परीक्षा में देश भर में 285वां रैंक हासिल किया तथा उसका चयन भारतीय पुलिस सेवा में हुआ। हैदराबाद की एसवीपी नेशनल पुलिस अकादमी में भी शालिनी अग्निहोत्री ने अपनी प्रतिभा का भरपूर प्रदर्शन किया। 46 सप्ताह की आईपीएस की आउट-डोर व इनडोर ट्रेनिग में अपना वर्चस्व कायम रखते हुए शालिनी अग्निहोत्री ने अव्वल रहते हुए बेस्ट प्रोवशनर्ज का अवार्ड हासिल किया। शालिनी अग्निहोत्री को आईपीएस में हिमाचल कैडर प्राप्त हुआ है तथा जनवरी, 2014 में वह प्रदेश में अपनी पहली पोस्टिंग ज्वाइन करेंगी।
छोटी सी मुलाकात
भारतीय पुलिस सेवा की तरफ रुझान कैसे हुआ?
पुलिस विभाग देश का महत्त्वपूर्ण सेवा विभाग है। इसके माध्यम से लोगों की मदद व सेवा करने का भरपूर अवसर मिल सकता है। यही सोचकर मंैने भारतीय पुलिस सेवा को ज्वायन करने का निर्णय लिया।
क्या यूपीएससी प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए कोई विशेष प्रशिक्षण लिया?
नहीं, मैंने रूटीन पढ़ाई जारी रखी तथा बिना कोई ट्यूशन व प्रशिक्षण प्राप्त किए ही यूपीएससी प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की।
पढ़ाई में शिखर चूमने के अलावा खेल क्षेत्र में भी क्या कभी हाथ आजमाएं?
जी बिलकुल, बचपन से ही मुझे बैडमिंटन खेलने का शौक रहा है। ग्रेजुएशन के दौरान पालमपुर यूनिवर्सिटी तथा पीजी के दौरान लुधियाना एग्रीकल्चरल विवि की तरफ से मैने इंटर यूनिवर्सिटी की नेशनल बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में भाग लिया।
महिला होने के नाते आईपीएस ट्रेनिंग के दौरान क्या चुनौतियां रहीं?
आईपीएस ट्रेनिंग के दौरान महिला होने के नाते कोई खास चुनौती नहीं आई। सभी का भरपूर सहयोग मिला। परिवार के संबल से सबकुछ सफलतापूर्वक हासिल किया।
ट्रेनिंग के दौरान कोई यादगार पल?
ट्रेनिंग के दौरान अनेकों प्रसंग यादगार रहे हंै। हैदराबाद हाफ मैराथन में 21 किलोमीटर की दौड़, पंाच दिन व रात जंगल में स्टे, रूट मार्च, प्रशिक्षण के दौरान बड़ी हस्तियों- अधिकारियों से मिलने व सीखने का अवसर तथा फाइनली पीओपी सेरेमनी में महामहिम राष्ट्रपति से मुलाकात,यह सब कभी भुला न पाने वाले पल हैं।
आज की युवा पीढ़ी को क्या संदेश देना चाहेंगी?
मौजूदा दौर में युवा वर्ग के समक्ष अनेक चुनौतियां व समस्याएं व्याप्त हैं, लेकिन इनसे डरकर घर नही बैठना चाहिए। मन में सपने संजोकर उन्हें हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
युवाओं को अपनी ऊर्जा का सकारात्मक प्रयोग कर समाज व देश के हित व उत्थान में भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए।
No comments:
Post a Comment