Sunday, 23 February 2014

him ki shaan 15

मुलाकात

अपनी राह पर चलने का हौसला कहां से मिलता है ?
जो मेरी आसपास की दुनिया है, आश्रम के बच्चे ही मेरी सबसे बड़ी ताकत व हौसला बढ़ाते हैं।
अब तक के जीवन के सफर को किस रूप में देखती हैं?
मेरे जीवन में जैसा भी वक्त आया। अपनी मुश्किलों को अपने ही दम पर खुद सुलझाया। अपने दम पर ही सबको आगे बढ़ना चाहिए।
अनाथ बच्चों के पालन-पोषण के समय कैसा महसूस करती हैं?
कभी यह महसूस ही नहीं किया कि आश्रम के बच्चे अनाथ हैं। हमें एक-दूसरे की आवश्यकता है। इसी मानसिकता के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं।
एक औरत को जिंदगी के सफर में किन-किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए ?
औरत को हर समय अपनी सीमा में ही रहना चाहिए। उसे कभी भी अपनी सीमा नहीं भूलनी चाहिए। इससे उसे अपना जीवन व्यतीत करने में भी काफी सुविधा होगी।
भविष्य की क्या योजनाएं हैं?
भविष्य में मुख्य लक्ष्य यही है कि हर बच्चे को अच्छी शिक्षा देकर उन्हें आश्रम के आसपास ही इन्कम का साधन मुहैया करवाया जा सके, ताकि ये बच्चे आगे चलकर  अन्य लोगों की भी सहायता कर सकें।

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