नारी की रक्षा करती ‘रक्षा जसवाल’
महिलाओं को आगे लाने की सोच में उनके योगदान के चलते जहां उनको स्टेट सोशल वेल्फेयर बोर्ड का सदस्य मनोनीत किया गया है, वहीं पालमपुर प्रशासन द्वारा गठित सेक्सुअल हृसमेंट कमेटी का सदस्य भी मनोनीत किया गया है। रक्षा जसवाल का जन्म व शिक्षा शिमला में हुई पर इस समय अपने लक्ष्य पर पहुंचने के लिए वह अपने पैतृक गांव मैंझा में रह रही हैं। रक्षा जसवाल स्नातक हैं…
समाज में महिलाओं के साथ हो रहे व्यवहार और आधुनिकता की दौड़ के बीच भी महिला वर्ग को बुरी नजर से देखने की प्रवृति से जूझने का जज्बा महिलाओं में पैदा करने का बीड़ा पालमपुर उपमंडल की एक युवा महिला ने उठाया, तो उसके कदम को प्रोत्साहन कम और छीटांकशी अधिक सहनी पड़ी। लेकिन परिवार से मिले सहयोग और कुछ कर दिखाने की ताकत ने रक्षा जसवाल डिंपल के हौसला कम नहीं होने दिया। इसी के चलते वूमन वेल्फेयर डिवेलपमेंट एसोसिएशन का गठन किया गया और रक्षा जी आज इस संस्था की अध्यक्ष पद पर अपनी टीम के साथ समाजसेवा से जुड़ चुकी हैं। महिलाओं को आगे लाने की सोच में उनके योगदान के चलते जहां उनको स्टेट सोशल वेलफेयर बोर्ड का सदस्य मनोनीत किया गया है, वहीं पालमपुर प्रशासन द्वारा गठित सेक्सुअल हृसमेंट कमेटी का सदस्य भी मनोनीत किया गया है। रक्षा जसवाल का जन्म व शिक्षा शिमला में हुइ, पर इस समय अपने लक्ष्य पर पहुंचने के लिए वह अपने पैतृक गांव मैंझा में रह रही हैं। रक्षा जसवाल स्नातक हैं और 2001 में महेश जसवाल से शादी के बाद उन्होंने बीएड भी किया है। रक्षा जसवाल के ससुराल शाहपुर में हैं और उनके पति एक नामी कंपनी में जीएम के पद पर तैनात हैं। समाज सेवा, खासकर महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर एक महिला होकर बात करना कोई आसान काम नहीं है, इस बात को रक्षा भी मानती हैं पर लगातार आ रही अड़चनों के बीच अपने काम में डटे रहने को वह प्रतिबद्ध हैं। रक्षा जसवाल पंचायतों में महिला मंडलों का गठन कर अपने साथ उन महिलाओं को जोड़ रही हैं, जो महिला सशक्तिकरण पर काम कर सकें। बरोट में आग लगने की घटना के बाद इनकी टीम द्वारा वहां दिया गया सहयोग और रेप पीडि़ता की उसी युवक से शादी करवाने के बाद रक्षा जसवाल समाजसेवा में कदम बढ़ा चुकी हैं। रक्षा जसवाल स्कूलों व गांव में जागरूकता शिविरों का आयोजन कर महिलाओं व छात्राओं को यौन अपराधों, सुरक्षा व महिला सशक्तिकरण पर जानकारी देती हैं। अपनी मुहिम में जनता की भागीदारी तय करने के चलते महिला मंडलों के गठन के साथ वरिष्ठ नागरिकों के सहयोग से धौलाधार विकास कमेटी का गठन भी किया है। प्रशासन में लंबित पड़े मामलों को सुलझाने का प्रयास करने के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ भी इनकी संस्था काम कर रही है। चार बार रक्तदान कर चुकीं रक्षा जसवाल को उनके कार्यों के लिए ब्रह्म गायत्री ट्रस्ट द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है।
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