Saturday, 22 February 2014

Chamba Rumal lalita

चंबा रुमाल का ‘ललिता’सौंदर्

 16 वर्ष की आयु में उन्हें चंबा रूमाल बनाने की रुचि पैदा हुई थी। इसके  बाद पिछले चालीस वर्षों से उन्होंने चंबा कढ़ाई को विश्व विख्यात बनाने के लिए  दिन रात एक कर दिया है…

400 वर्ष पुरानी दो टांका हस्तकला  में महारत हासिल कर चुकीं व विश्वविख्यात चंबा रूमाल को अपनी पहचान दिलवानेे वाली ललिता वकील ने हाल ही में  शिल्प गुरु आवार्ड हासिल कर हिमाचल की पहली महिला बनने का गौरव हासिल किया है। चंबा रूमाल को देश- विदेश मंे पहचान देने के लिए ललिता वकील ने चंबा के लोगों को घर-घर जाकर निशुल्क चंबा कढ़ाई का प्रशिक्षण दिया है। जानकारी के अनुसार चंबा जिला की ललिता वकील चंबा रूमाल को कोलकाता, जर्मनी, फ्रांस यूनानिया, कनेडा और नेपाल सहित अन्य देशों में वस्त्र मंत्राल्य के सहयोग से प्रर्दशनियों में चंबा रूमाल को अपनी पहचान दिलवा चुकी हंै। वहीं नेपाल में राष्ट्रीय स्तर की प्रर्दशनी में देश का नेतृत्व करने वाली देश  पहली महिला बनने का गौरव भी हासिल कर चुकी हंै। ललिता वकील ने हिमाचल के अग्रणी समाचार पत्र ‘दिव्य हिमाचल’ से खास बातचीत करते हुए ललिता ने बताया कि करीब 16 वर्ष की आयु में उन्हें चंबा रूमाल बनाने की रुचि पैदा हुई थी। तब से लेकर अब तक पिछले चालीस वर्षों से चंबा कढ़ाई को विश्वविख्यात बनाने के लिए दिन रात एक किए हुए हैं। उन्होंने बताया कि चंबा रूमाल के प्रति उनकी इतनी रुचि है  कि वह महिलाओं को घर-घर जाकर निःशुल्क चंबा रूमाल के बारे मंे प्रशिक्षण  देेती हैं।  उन्होंने बताया कि वर्ष 1993 में राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा द्वारा चंबा कढ़ाई को बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए उन्हें दिल्ली में नेशनल अवार्ड से समानित किया गया है।  इसके बाद वर्ष 1995 में लखनऊ में उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती द्वरा चंबा रूमाल के लिए बेस्ट क्राफ्ट अवार्ड से नवाजा गया है। तीसरी बार वर्ष 1997 में स्वर्ण जयंती समारोह के दौरान बोल्ड प्लेट शील्ड हासिल कर हिमाचल की पहली महिला बनने का गौरव हासिल किया है। वहीं वर्ष 1998 में हरियाणा के सूरज कुंड में गवर्नर द्वारा चंबा रूमाल के लिए कला श्री अवार्ड से नवाजा गया है। जबकि वर्ष 2002 में भी हरियाणा के सूरज कुंड में कला श्री अवार्ड से सम्मानित किया गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में देश के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी द्वारा वर्ष 2009 का शिल्प गुरु अवार्ड हासिल करने वाली हिमाचल की पहली महिला बनी हंै। इसके अलावा ललिता वकील को नेशनल अवार्ड सहित हिमाचल सरकार द्वारा राज्य स्तर पर भी चंबा रूमाल को अपनी पहचान दिलवाने के लिए दर्जनों अवार्डों से सम्मानित किया जा चुका है। चंबा रूमाल को प्रोत्साहन देने के लिए वर्ष 1965 में चंबा जिला की महेशवरी को नेशनल अवार्ड से नवाजा गया है।  इसके बाद 28 वर्ष के बाद चंबा जिला की ललिता वकील को दिल्ली में तत्त्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा द्वारा नेशनल अवार्ड से नवाजा गया है। करीब चार सौ वर्ष पुरानी कला को बनाने में महारत हासिल कर चुकीं हिमाचल के चंबा जिला की ललिता वकील ने बताया कि वर्ष 1764 में चंबा के राजा राज सिहं द्वारा जम्मू कांगड़ा व चंबा में दो टांका कला को लाया था। मगर अब तक जम्मू व कांगड़ा मंे यह कला समाप्त हो चुकी है। उन्होंने बताया कि चंबा कढ़ाई को  चंबा रूमाल के माध्यम से विश्व विख्यात करने मंे कोई कमी नहीं छोड़ी है।

No comments:

Post a Comment